विदाई से ठीक पहले मानसून ने हिमाचल प्रदेश में फिर कहर बरपाया है। प्रदेश की राजधानी शिमला, सिरमौर सहित अन्य भागों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सिरमौर के पांवटा साहिब क्षेत्र में अंबोया खाला में बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। यहां मलबे में दबने से रंगी राम पुत्र कंशु की माैत हो गई। वहीं बादल फटने के बाद बड़ी मात्रा में आए मलबे से पांच दुकानें, दो छोटे पुल, एक शेड व दो घराट क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चहारदीवारी और एक कार को भी नुकसान हुआ है।
भारी बारिश के चलते सतौन में एंगल स्टेशन के पास कृत्रिम झील बन रही है। झील में पानी का जलस्तर बढ़ने से एससी बस्ती को खतरा बन सकता है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण सतौन क्षेत्र सहित एनएच का पानी भी इसी जगह एकत्रित हो रहा है। यदि झील टूटने से पानी बाहर निकलता है तो एससी बस्ती को खतरा बन सकता है। आज तक पानी की निकासी को कोई योजना नहीं बन पाई। वहीं राजधानी शिमला में सुबह मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया । शहर की सड़कें पानी से लबालब हो गईं। बरसाती नाले उफान पर आ गए। कई जगह भूस्खलन भी हुआ। नाले में आई बाढ़ से टाॅलैंड के पास मलबे में एक गाड़ी दब गई। खलीनी-टूटीकंडी मार्ग पर टाॅलैंड नाले में एक पेड़ ढह गया है। इससे वाहनों की लंबी लाइन लग गई। एनएच-3 पर निर्माण कार्य के चलते आवाहदेवी- दिल्ली, जम्मू-कटड़ा रूट की एचआरटीसी बस बांरी पंचायत के चाहड़ मोड़ के पास मलबे में फंस गई। हमीरपुर जिले में देर रात भारी बारिश के चलते यहां पर सड़क में जलभराव हुआ है। वहीं एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक राजकुमार पाठक का कहना है कि बस को निकाल लिया गया है। किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं लगी है।