पार्टी की कार्य समिति की बैठक के बाद गुरुवार को अनुभवी शरद पवार ने कहा, “मैं एनसीपी का अध्यक्ष हूं।” बैठक में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और हाल ही में एनडीए से हाथ मिलाने वाले नौ अन्य को निष्कासित करने के फैसले को मंजूरी दी गई।
यहां मीडिया को जानकारी देते हुए पार्टी नेता पीसी चाको ने कहा कि बैठक में आठ प्रस्ताव पारित किये गये। अजित पवार के बहुमत होने के दावे पर भी पवार ने कहा कि ‘सच्चाई सामने आ जाएगी’। चाको ने कहा कि संगठन पवार के पीछे है।
“एनसीपी वर्किंग कमेटी ने प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और एनडीए से हाथ मिलाने वाले नौ लोगों को निष्कासित करने के फैसले को मंजूरी दे दी। शरद पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। हम किसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के दावे को गंभीरता से नहीं लेते हैं।”
चाको ने कहा, “हमारा संगठन अभी भी बरकरार है और हम शरद पवार के साथ हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि हर तीन साल में एनसीपी चुनाव कराती है और लोग नियमित रूप से चुने जाते हैं।
कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्तावों में भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कार्यों और विपक्ष के खिलाफ सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ रुख शामिल है।
इसने केंद्र सरकार की नीतियों की भी निंदा की जिसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और महिलाओं की दुर्दशा बढ़ रही है।
अजित पवार और उनके आठ सहयोगी 2 जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हुए। जहां पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, वहीं अन्य को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
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