श्रीनगर: मीरवाइज कश्मीर मौलवी मोहम्मद उमर फारूक के नेतृत्व वाली मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) ने आज सुबह 10:30 बजे हजरतबल श्रीनगर के नगीन स्थित अपने आवास पर एक आपातकालीन बैठक निर्धारित की है। बैठक का उद्देश्य हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक के निहितार्थों पर चर्चा करना है, जिसकी मुस्लिम समुदाय ने व्यापक आलोचना की है।
एमएमयू ने विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे मुसलमानों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप और वक्फ संस्थाओं की स्वायत्तता को कम करने वाला कदम बताया है। फोरम ने इस बात पर जोर दिया कि वक्फ ऐतिहासिक रूप से मुस्लिम समुदाय की सामाजिक-धार्मिक जरूरतों को पूरा करने और उसकी पहचान की रक्षा करने का अभिन्न अंग रहा है।
बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें शामिल हैं:
अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, दारुल उलूम रहीमिया बांदीपोरा, अंजुमन शरी शियान, जमीयत अहले हदीस, कारवान-ए-इस्लामी
, अंजुमन हिमायत-उल-इस्लाम
, जामिया सबील-उल-हुदा बेमिना श्रीनगर।
इसके अलावा, अन्य प्रमुख संस्थाओं के सदस्य भी भाग लेंगे।
एमएमयू ने कहा है कि वह इस विधेयक पर सामूहिक और एकीकृत प्रतिक्रिया पर विचार-विमर्श करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और देश भर के अन्य मुस्लिम संगठनों के संपर्क में है। बैठक में समुदाय की चिंताओं को दूर करने और वक्फ संस्थाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए रणनीति तैयार करने की उम्मीद है।