मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में मची उथलपुथल और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर बांग्लादेश का नाम लिए बिना कहा कि आज पड़ोसी मुल्कों में हिंदुओं को खोज कर मारा जा रहा है। मठ और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीख लेनी होगी और सनातन की रक्षा के लिए एक होना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दिगंबर अखाड़े में राम मंदिर आंदोलन के महानायक रामचंद्र दास परमहंस की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि के लिए उनका पूरा जीवन समर्पित था। उन्होंने अपने जीवन को राम मंदिर के लिए मिशन बनाया। परमहंस की मूर्ति को देख ऐसा लगा कि अभी कुछ बोलने वाले हैं। मुझे मूर्ति स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ और दिगंबर अखाड़ा एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ के सानिध्य में आंदोलन में अग्रणी रहे। आज अयोध्यावासियों को पूरे देश में सम्मान मिल रहा , सम्मान मिलता नहीं सम्मान सुरक्षित करना होगा। सीएम ने कहा कि संतों की पहचान यही है। परमहंस जी सोच रहे होंगे कि मेरा संकल्प पूरा हुआ, उनका आशीर्वाद पीएम नरेंद्र मोदी को भी प्राप्त हुआ। राम मंदिर आंदोलन के यज्ञ की पूर्णाहुति में उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। आत्मा अजर अमर है। उसको कोई मार नहीं सकता है। परमहंस जी वापस दिगंबर अखाड़ा में विराजमान हो गए हैं। परमहंस महराज जी मेरे गुरु के गुरु थे। मेरे गुरु हमेशा यह जानना चाहते थे कि परमहंस जी कैसे थे। उनकी सरलता के कारण कोई नहीं जान सकता था कि वो कितने बड़े नेतृत्वकर्ता हैं, कितने बड़े गुरु हैं, कितने चमत्कारी हैं। मूल्य और आदर्श के लिए परमहंस जी हमेशा डटे रहे। दुनिया की तस्वीर वर्तमान में देख रहे होंगे।