सोने के रेट पर भ्रम… वास्तव में इतना हुआ कम

सोने पर कस्टम ड्यूटी नौ फीसदी कम होने के बाद बुधवार सुबह से ही सराफा व्यापारियों के फोन व्यस्त हो गए। इनमें एक तो सोना खरीदने वाले ग्राहकों के फोन थे तो दूसरे सोने के रेट कस्टम ड्यूटी कम होने की तुलना में बहुत कम घटने की शिकायतें भी थीं। सराफा व्यापारियों के संगठन कीमतों को लेकर ग्राहकों का भ्रम दूर कर रहे हैं। बजट में सोने पर 10 फीसदी कस्टम शुल्क और 5 फीसदी कृषि सेस को घटाकर केवल 5 और 1 फीसदी कर दिया गया। यानी 15 फीसदी की जगह ये शुल्क 6 फीसदी रह गया। ग्राहकों ने बजट के पहले चल रहे सोने के भाव (लगभग 73,500 रुपये प्रति 10 ग्राम) पर सीधे 9 फीसदी रेट घटा दिए। ये करीब 6500 रुपये थे लेकिन सोने के भाव में गिरावट लगभग 2500 रुपये प्रति दस ग्राम की आई। एआईजीजेएफ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष वर्मा और प्रदेश संयोजक विनोद महेश्वरी के मुताबिक बजट से पहले बाजार में बिक रहे सोने के भाव में 15 फीसदी कस्टम ड्यूटी के अलावा 3 फीसदी जीएसटी भी लगा था। 6 फीसदी कस्टम शुल्क और 3 फीसदी जीएसटी है। यानी 73,500 में पहले 18 फीसदी कस्टम ड्यूटी और जीएसटी घटाने के बाद सोने की मूल कीमत निकलेगी। ऑल इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के निदेशक अजय अग्रवाल ने बताया कि नवरात्र से सोने की मांग रिकॉर्ड तोड़ सकती है। बीच का एक महीना छोड़ दें तो इस बार नवंबर से जून तक लंबी सहालग है। विदेशों की आर्थिक मंदी का असर भी दिखाई देगा। बाजार का मानना है कि जनवरी तक सोना 85 हजार रुपये हो जाएगा।

दस साल से सोने में आयात शुल्क घटाने की मांग कर रहे सराफा बाजार के लिए मंगलवार का दिन मंगलकारी साबित हुआ। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही सोने से आयात शुल्क व कृषि सेस 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की, तो सराफा बाजार को भी एकबारगी यकीन नहीं हुआ। कस्टम ड्यूटी में नौ फीसदी की कमी होते ही कस्टम विभाग ने भी राहत की सांस ली, क्योंकि यूपी में सोने की बढ़ती तस्करी चुनौती बन गई थी। इस एक फैसले से सोने की तस्करी पर करीब-करीब लगाम लग जाएगी, क्योंकि मुनाफा 10 फीसदी से घटकर 1-2 फीसदी बचेगा। अभी तक सोने पर 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी और 5 फीसदी कृषि सेस था। इस बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी से 5 फीसदी खत्म कर दी गई। वहीं कृषि सेस 5 फीसदी से कवल 1 फीसदी कर दिया। यानी सोने पर कस्टम शुल्क 15 फीसदी से घटकर 6 फीसदी रह गया। बेतहाशा शुल्क की वजह से यूपी में सोना तस्करों की जड़ें तेजी से फैल रहीं थीं! इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कस्टम ने वर्ष 2022-23 में 20 किलोग्राम तस्करी का सोना पकड़ा था जो 23-24 में बढ़कर 140 किलोग्राम हो गया। लखनऊ व बनारस एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा सोना पकड़ा जा रहा है। ये सोना दुबई के रूट से पहुंच रहा है। वहीं सड़क मार्ग से नेपाल, नाॅर्थईस्ट से म्यांमार और बांग्लादेश को भी सेफ पैसेज माना जाता है।