स्वर्ण नहीं जीत पाने का मलाल – हॉकी स्टार सुमित

पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य सोनीपत के गांव कुराड़-इब्राहिमपुर निवासी सुमित का मंगलवार को गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। दिल्ली से आते समय बहालगढ़ में सुमित को खुली कार में धूम-धड़ाके के साथ गांव लाया गया। खुली कार में सुमित पर फूलों की वर्षा की गई। बहालगढ़, बीसवांमील, राई व मुरथल में वाहनों के काफिले लेकर खेल प्रेमी सुमित के स्वागत के लिए पहुंचे।
शहवासियों की तरफ से किए गए स्वागत से खुश सुमित ने कहा कि वह पेरिस ओलंपिक में पूरी टीम ने एकजुट होकर बेहतर प्रदर्शन किया है। पूरी टीम रणनीति बनाकर खेली। स्वर्ण पदक जीतने का मलाल जरूर है, लेकिन कप्तान ने कहा था कि खाली हाथ वापस नहीं लौटना। करो या मरो के मुकाबले में सभी ने अपनी जी-जान लड़ा दी।

टीम के सभी सदस्य एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते रहे और संकल्प दोहराते रहे कि हर हाल में पदक जीतकर लौटेंगे। सुमित ने कहा कि मैदान पर खेलते समय हमेशा लगा कि मेरी मां मेरे साथ है और मुझे अंदर से प्रेरित करती रही कि देश के लिए कुछ बेहतर करना है। उन्होंने खेल प्रेमियों के साथ और विश्वास का आभार जताया और कहा कि आपका प्यार व भरोसा यूं ही बना रहा तो भविष्य में पदक का रंग जरूर बदलेंगे।

पेरिस ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतकर लौटे सुमित जैसे ही बहालगढ़ चौक पर पहुंचे खेल प्रेमियों ने फूलों की वर्षा कर जोरदार स्वागत किया। ढोल नगाड़ों, बीन बांसूरी व डीज की धुन पर खेल प्रेमी झूमते हुए सुमित को गांव कुराड़-इब्राहिमपुर लेकर पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने उसे गले लगा लिया और फूलमाला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान सुमित के भाई जयसिंह व अमित भी उनके साथ रहे।