आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि जरायल पर हमास हमले के बाद मध्यपूर्व में उपजे हालात को लेकर कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने और आतंकरोधी अभियानों की रणनीति में मंगलवार को संयुक्त सुरक्षा समीक्षा बैठक में और व्यावहारिक एवं प्रभावी बनाया गया।
इस बीच, दक्षिण कश्मीर में विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठिानों का उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने दौरा कर संबंधित सैन्य कमांडरों के साथ शरदकालीन आतंकरोधी ग्रिड का जायजा लिया। मध्यपूर्व के हालात को लेकर हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने प्रत्यक्ष तौर पर कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि पूरे प्रकरण से कश्मीर में मरनासन्न आतंक को जिंदा रखने के षड्यंत्र में जुटे तत्वों को हवा मिल सकती है। वह अपने बचे खुचे कैडर को किसी सनसनीखेज वारदात के लिए उकसा सकते हैं।
आतंकी न सिर्फ प्रदेश के भीतरी हिस्सों में बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर भी कोई दुस्साहस कर सकते हैं। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में आने वाले विदेशी पर्यटकों विशेषकर जो यूरोपीय मुल्कों से आते हैं, को आतंकी या उनके समर्थक निशाना बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाक की तरफ से संघर्ष विराम का उल्लंघन भी हुआ है।
आतंकियों द्वारा घुसपैठ की कोशिशें भी बढ़ी हैं। इसलिए किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए हर संभव उपाय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार आरआर भटनागर और सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी की संयुक्त अध्यक्षता में बादामी बाग सैन्य छावनी में स्थित चिनार कोर परिसर में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई है।