हर जिले में 100 बेड का आयुष वेलनेस सेंटर बनेगा: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय – महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करते हुए कहा कि सरकार हर जिले में कम से कम 100 बेड का आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करेगी। इन केंद्रों में पंचकर्म और क्षारसूत्र जैसी पारंपरिक चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और विशिष्ट अतिथि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से सम्पूर्ण आरोग्यता की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक पहचान नहीं मिली थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा और नेचुरोपैथी को नया मंच मिला।

शोध और रोजगार का केंद्र बनेगा विश्वविद्यालय

सीएम योगी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय आयुष पद्धतियों में शोध और नवाचार (R&D) का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। इसके माध्यम से युवाओं और किसानों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, विशेषकर औषधीय पौधों की खेती के जरिए।

उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय हेल्थ टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा और उत्तर प्रदेश को इस क्षेत्र में एक नया डेस्टिनेशन बनाएगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आयुष पद्धति को समर्पित यह संस्थान वैश्विक स्तर पर भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ करेगा।

नाथ परंपरा और आयुर्वेद का संबंध

अपने संबोधन में सीएम योगी ने नाथपंथ और आयुर्वेद के ऐतिहासिक संबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि रसशास्त्र और धातुविज्ञान जैसे क्षेत्रों में महायोगी गुरु गोरखनाथ और चौरासी सिद्धों की परंपरा का योगदान रहा है। आयुर्वेद को सुव्यवस्थित करने में उनका महत्वपूर्ण स्थान है।

इस अवसर पर आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने भी समारोह को संबोधित किया, वहीं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. रामचंद्र रेड्डी ने स्वागत भाषण दिया।