हार्वे वेनस्टीन के वकील ने उन्हें ‘मी टू’ के दौरान झूठे आरोप वाला ‘दोषी’ बताया है। इसके उलट अभियोजक ने उनके यौन अपराधों के पुनर्विचार के दौरान जूरी सदस्यों से कहा कि वेनस्टीन ने कम रसूख वाली महिलाओं का शोषण किया। दोनों पक्षों ने मंगलवार को अपने समापन तर्कों में बहुत अलग-अलग स्वर अपनाए और तर्क रखे। हार्वे वेनस्टीन का मामला आखिरी चरण में है। यह जल्द खत्म हो सकता है।
दोनों वकीलों में हुई बहस
वेनस्टीन के वकील, आर्थर ऐडाला ने कहा कि उनका मुवक्किल अपराध नहीं बल्कि ‘प्रेम का खेल’ खेल रहा था।
इस पर अभियोजक ने कहा ‘यह कोई प्रणय निवेदन का खेल नहीं था, यह कोई लेन-देन नहीं था। यह कभी भी बेवकूफी करने के बारे में नहीं था। यह दुष्कर्म के बारे में था।’
वेनस्टीन ने खुद का बताया था निर्दोष
वेनस्टीन ने साल 2013 में एक महिला के साथ दुष्कर्म करने और 2006 में दो अन्य लोगों पर जबरन दुष्कर्म करने के आरोप में खुद को निर्दोष बताया था।
आपको बता दें कि इस मामले को पांच साल पहले हार्वे वेनस्टीन को दोषी ठहराए जाने के बाद ‘मी टू’ के महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा गया था। हार्वे वेनस्टीन पर काफी पहले दुष्कर्म के आरोप लगे थे, जिसमें उन्हें दोषी भी ठहराया गया था, इस पर फिर से मुकदमा चलाया गया क्योंकि एक अपील अदालत ने 2020 के फैसले को पलट दिया।