पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को इस बार कांग्रेस पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि वे पिछले 10 साल के दौरान यह भूमिका सही रूप से नहीं निभा पाए। ये आरोप भाकियू अध्यक्ष एवं संयुक्त संघर्ष पार्टी के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने लगाए।
एक एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ दी थी, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल नहीं बन पाया। कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना वह किसानों ने ही बनाया था। इसके बावजूद हुड्डा ने किसानों को कोई तव्वजो नहीं दी। उन्हें ही नहीं किसी अन्य किसान को भी कहीं से टिकट नहीं दी।
जबकि भाजपा किसानों के विरोध में पहले से ही रही है। ऐसे में किसान कहां जाए। यही कारण रहा कि वे चुनाव में उतरे तो वहीं हर्ष छिक्कारा व रमेश दलाल भी उतरे। चढूनी ने आरोप लगाए कि हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं होने दिया और ऐसी मनमानी के परिणाम सामने है। अब कांग्रेस को ऐसे किसी नेता को प्रतिपक्ष नेता के रूप में चुनना चाहिए, जो लड़ाई लड़ सके।