-अक्षत सरोत्री
किसान आंदोलन के बाद अब प्रशासन भी हरकत में आ गया है। किसानों ने भी गुस्से कई तरह से कानून का उल्लंघन किया। किसानों ने कहा कि हम बुराड़ी नहीं जा रहे हैं, जो किसान बुराड़ी गए हैं सरकार उन्हें उलझा रही है। इस बीच, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली कूच करने वाले किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ट्यूकर बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़ने पर पंजाब के किसानों के खिलाफ कुरुक्षेत्र पेहवा के साथ-साथ शाहाबाद में भी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस से उलझने, बैरिकेड तोड़ने और हत्या के प्रयास में 11 किसान नेता नामजद किए गए हैं। वहीं पेहवा में 6 किसान नेता नामजद किए गए हैं। नेशनल हाइवे पर त्योडा के पास बैरिकेडिंग तोड़ने, अधिकारियों पर गाड़ी चढ़ाने और रास्ता रोकने के आरोप में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस समेत 5 नेता नामजद किए गए हैं। यह मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 114, 147, 148, 149,186, 158, 332, 375, 307, 283 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सरकार ने बातचीत का दिया प्रस्ताव
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। आंदोलन इसका जरिया नहीं है, इसका हल बातचीत से ही निकलेगा। खट्टर के अलावा शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन का रास्ता छोड़ने को कहा है।