मंगलवार को रोहतास क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां एक 12 साल के लड़के ने कबूतर पकड़ने के चक्कर में फंस जाने का सामना किया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दिन सुबह से ही एसडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की है ताकि लड़का को बचाया जा सके, जो सोन नदी पर बने पुल के पिलर और दीवार के बीच फंस गया था। हालांकि, उन्हें खाना पहुंचाने में मुश्किलें थीं। इस परिस्थिति में, रेस्क्यू टीम ने पानी को ट्रांसफर करने के लिए पाइप का उपयोग किया। उनकी कोशिश थी कि पिलर का एक हिस्सा काट दिया जाए ताकि लड़के को बाहर निकालने का रास्ता मिल सके। हालांकि, इसके बावजूद रेस्क्यू टीम को सफलता नहीं मिली। लेकिन यह महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद एसडीआरएफ टीम ने अपनी मौजूदगी बनाए रखी है।
कबूतर को पकड़ने घुसा था पिलर के नीचे
सूत्रों के अनुसार, रंजन नामक लड़का पुल से गुजर रहा था जब उसने एक कबूतर को पिलर पर बैठा देखा। उसके बाद, उसने कबूतर को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन कबूतर पिलर और दीवार के बीच में घुस गया और लड़का उसके पीछे-पीछे वहीं चला गया। अंदर जाते ही लड़का अटक गया और पूरे दिन वहीं फंसा रहा। इसके बाद, एक महिला वहां से गुजर रही थी और उसे किसी के रोने की आवाज सुनाई दी। जब महिला वहां झांक कर देखी, तो उसे लड़के को फंसा देखकर हैरानी हुई। महिला ने शोर मचाना शुरू किया और लोग जुटे, जिसके बाद 24 घंटे के बाद लड़के के बारे में जानकारी सभी तक पहुंची।
24 घंटों से फसा मासूम
बताया जा रहा है कि पुल के पिलर और दीवार के बीच में फंसा 12 साल का मासूम रंजन पिछले दो दिन से घर से लापता था। वो मानसिक रूप से बीमार है। पता चला है कि वो 24 घंटे पहले यानि बुधवार की दोपहर को ही पुल के पिलर और दीवार के बीच फंस गया था। लेकिन किसी को पता नहीं चल पाया। वो रात भर और सुबह तक भी वहीं फंसा रहा। इसके बाद सुबह में एक महिला उधर से गुजर रही थी। माहौल भी शांत था तो उसे किसी के रोने की आवाज सुनाई दी। महिला ने जब वहां झांक कर देखा तो लड़के को फंसा देख उसके होश उड़ गए। महिला ने शोर मचाना शुरू किया तो लोग जुटे और 24 घंटे के बाद लड़के के बारे में लोगों को जानकारी हो पाई.
ये भी पढें राघव चढ्ढा को कोर्ट से बड़ी राहत, बगला आवंटन रद्द के फैसले पर फिलहाल रोक