2026 से साल में दो बार होगी CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा, छात्रों को मिलेगा सुधार का मौका

नई दिल्ली, 25 जून: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। यह नई व्यवस्था वर्ष 2026 से लागू होगी। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने पुष्टि की है कि दो बार परीक्षा आयोजित करने के मॉडल को बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है।

कैसे होगी परीक्षा की व्यवस्था?
साल में दो बार परीक्षा आयोजित की जाएगी—पहली परीक्षा फरवरी और दूसरी मई महीने में होगी।

पहली परीक्षा में बैठना अनिवार्य होगा, जबकि दूसरी परीक्षा में छात्र इच्छा अनुसार शामिल हो सकते हैं, ताकि वे अपने अंकों में सुधार कर सकें।

इंटर्नल असेसमेंट सिर्फ एक बार ही किया जाएगा, जो साल भर के प्रदर्शन के आधार पर होगा।

परीक्षा की संभावित तिथियां:
पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच

दूसरी परीक्षा: 5 मई से 20 मई के बीच
(यह तिथियां ड्राफ्ट के अनुसार हैं और अंतिम कार्यक्रम बाद में जारी किया जाएगा।)

सिलेबस और परीक्षा केंद्र:
दोनों परीक्षाओं में संपूर्ण पाठ्यक्रम शामिल रहेगा, सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

परीक्षा केंद्र भी दोनों बार एक जैसे ही रहेंगे।

रजिस्ट्रेशन और फीस:
छात्रों को पंजीकरण के समय ही दोनों परीक्षाओं की फीस जमा करनी होगी, भले वे दूसरी परीक्षा में हिस्सा लें या नहीं।

नंबर कौनसे मान्य होंगे?
अगर छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होते हैं, तो जिस परीक्षा में ज्यादा अंक आएंगे, वही अंक अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे।

यदि पहली परीक्षा में ही बेहतर प्रदर्शन होता है, तो दूसरी परीक्षा की जरूरत नहीं होगी।

किन्हें मिलेगा दोबारा मौका?
छात्र अधिकतम तीन विषयों में प्रदर्शन सुधार के लिए दूसरी परीक्षा दे सकते हैं।

यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में तीन या अधिक विषयों में अनुपस्थित रहता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

CBSE का उद्देश्य:
बोर्ड का उद्देश्य छात्रों को अपनी शैक्षणिक क्षमता को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने का दूसरा अवसर देना है, जिससे परीक्षा का दबाव कम हो और छात्र तनावमुक्त होकर पढ़ाई कर सकें।

यह नई पहल छात्रों के लिए बड़ी राहत हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहली परीक्षा में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं होते।