देश में चल रहे लोकतंत्र के महापर्व में एक बार फिर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए चुनाव प्रचार गुरुवार को थम गया। इसके साथ ही आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 58 लोकसभा सीटों पर मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जहां 25 मई को यानी शनिवार को वोट डाल जाएंगे।
इनमें दिल्ली और हरियाणा की सभी सीटों सहित उत्तर प्रदेश की 14, बिहार की आठ, पश्चिम बंगाल की आठ, झारखंड की चार और ओडिशा की छह सीटें शामिल है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट के लिए भी इसी चरण में मतदान होगा। इस सीट पर वैसे तो तीसरे चरण में ही चुनाव प्रस्तावित था, लेकिन मौसम खराब होने के चलते इसे छठे चरण के लिए आगे बढ़ा दिया गया था।
सात चरणों के लोकसभा चुनाव में छठे चरण में जिन चर्चित और दिग्गज चेहरों की किस्मत दांव पर लगी है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर, मेनका गांधी, अभिनेता राज बब्बर, मनोज तिवारी और दिनेश कुमार यादव निरहुआ आदि शामिल है।
छठे चरण में कितनी सीटों पर होगा मतदान
छठे चरण में लोकसभा की जिन 58 सीटों पर मतदान होगा, 2019 में उनमें से 40 सीटों पर भाजपा और एनडीए ने जीत दर्ज की थी। इनमें दिल्ली की सभी सात व हरियाणा की सभी दस सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस लिहाज से छठा चरण सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। हालांकि इस बार दोनों ही राज्यों में स्थितियां थोड़ी बदली हुई है।
अब तक कितने प्रतिशत रहा मतदान
गौरतलब है कि लोकसभा के अब तक हो चुके पांच चरणों के चुनाव में औसतन 65.96 प्रतिशत मतदान हुआ है। इनमें सबसे कम 62.2 प्रतिशत मतदान पांचवें चरण में हुआ है, वहीं सबसे अधिक 69.16 प्रतिशत मतदान चौथे चरण में हुआ है। जबकि पहले चरण में 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत व तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ है।
छठे चरण में 889 प्रत्याशी है मैदान, सबसे अधिक 223 प्रत्याशी हरियाणा में
लोकसभा के छठे चरण के चुनाव में कुल 889 प्रत्याशी मैदान में है। इनमें सबसे अधिक 223 प्रत्याशी हरियाणा के है, जबकि सबसे कम 20 प्रत्याशी जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग -राजौरी लोकसभा सीट से मैदान में है। वहीं उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर कुल 162 प्रत्याशी, बिहार की आठ सीटों पर 86 प्रत्याशी, दिल्ली की सात सीटों पर 162, पश्चिम बंगाल की आठ सीटों के लिए 79, झारखंड की चार सीटों के लिए 93 और ओडिशा की छह सीटों के लिए 64 प्रत्याशी मैदान में है। हालांकि इन 58 सीटों पर कुल 1978 लोगों ने नामांकन किया था, जिसमें से सिर्फ नौ सौ लोगों के ही नामांकन वैध पाए गए थे। बाद में इनमें से भी नाम वापस लेने के बाद अब कुल 889 प्रत्याशी ही मैदान में रहे गए है।