40 देशों की पुलिस, सड़कों पर 40,000 बैरियर, QR कोड से एंट्री, ऐसी है ओलंपिक की सुरक्षा

खेलों के महाकुंभ यानी ओलंपिक का आगाज हो चुका है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 33वें ओलंपिक खेलों की शुरुआत हुई। शुक्रवार देर रात पेरिस से होकर बहने वाली सीन नदी के किनारे पेरिस ओलंपिक का शानदार आगाज हुआ। हालांकि, इस आयोजन से कुछ घंटे पहले फ्रांस के रेलवे नेटवर्क पर हमला हो गया। फ्रांस की राष्ट्रीय रेल कंपनी एसएनसीएफ ने बताया कि उनकी हाई-स्पीड रेल लाइनों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इसके चलते दर्शकों को खेल आयोजन वाली जगहों तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। उद्घाटन से पहले हिंसा के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले सुरक्षा जांच के दौरान 3,900 से ज्यादा लोगों को ओलंपिक आयोजनों में भाग लेने से रोका गया था

फ्रांस ने पिछले कुछ आयोजनों से हटकर इस ओलंपिक का आयोजन किया है। 2016 में रियो डी जेनेरियो या 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान शहर के केंद्र के बाहर एक साथ ओलंपिक पार्क बनााकर कई आयोजनों किए गए थे। इसके बजाय, पेरिस ने 20 लाख आबादी वाले शहर में ही अधिकांश आयोजन हो रहे हैं। वहीं अन्य आयोजन उपनगरों में भी हो रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर अस्थायी खेल के मैदान बनाए गए हैं और सीन नदी के करीब उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस तरह के आयोजन ओलंपिक की सुरक्षा को और अधिक कठिन बनाते हैं। 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक खेलों में कई सुरक्षा चुनौतियां हैं। शहर में बार-बार घातक हमले हुए हैं। यूक्रेन और गाजा में युद्ध के कारण होने वाले प्रदर्शन भी चिंता के विषय हैं। इसके अलावा, ओलंपिक आयोजकों को साइबर हमले की चिंता है। अकेले व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाले हमले (लोन वुल्फ अटैक) भी बड़ी चिंता का विषय हैं। हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले से फ्रांसीसी अधिकारियों को इस खतरे का एहसास है। ओलंपिक सुरक्षा अभियान में शामिल कुछ लोग इस बात से हैरान थे कि एआर स्टाइल की राइफल से लैस बंदूकधारी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की पहुंच में आ गया था।

आंतरिक मंत्री गेराल्ड डार्मैनिन के मुताबिक सुरक्षा जांच के दौरान 3,900 से ज्यादा लोगों को ओलंपिक आयोजनों में भाग लेने से रोका गया है। कुछ लोगों को संदिग्ध आपराधिक रिकॉर्ड और अन्य सुरक्षा चिंताओं के लिए चिह्नित किया गया है। सुरक्षा में तैनात टीमें विशेष रूप से रूसी और बेलारूसी नागरिकों के प्रति चौकस हैं। 155 ऐसे लोग जिन्हें ‘बहुत खतरनाक’ आतंकी खतरा माना जा रहा है, उन्हें भी उद्घाटन समारोह और खेलों से दूर रखा गया। पुलिस हथियारों और कंप्यूटरों के लिए भी कुछ संदिग्धों के घरों की तलाशी ली गई। संक्षेप में कहें तो पेरिस के लिए 10,500 खिलाड़ियों और लाखों पर्यटकों को सुरक्षित रखना बहुत बड़ी चुनौती है। जमीन से लेकर समुद्र और हवा में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सुरक्षा बलों को तैयार किया गया है। 2022 से फ्रांसीसी सशस्त्र बल 2024 ओलंपिक खेलों की सुरक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे। खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा को देखते हुए फ्रांस की राजधानी में उच्च स्तर के इंतजाम किए गए हैं। 40 देशों से करीब 1900 पुलिस बल बुलाए गए हैं।

18 जुलाई को सुबह पांच बजे से ही पेरिस में आंतरिक सुरक्षा और आतंक रोधी घेरा की व्यवस्था लागू कर दी गई थी। पेरिस की सड़कों पर 40,000 से अधिक अवरोधक (बैरियर) लगाए गए हैं। बगैर क्यूआर कोड के सीन नदी तक प्रवेश वर्जित है। इसके लिए विशेष तौर पर सैकड़ों पुलिस और जेंडरमेरी नाम के गश्ती दल तैनात किए गए हैं। खेलों के लिए 45,000 पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की एक टुकड़ी तैनात की गई है। वहीं इस टुकड़ी की सहायता के लिए 10,000 अतरिक्त सैनिकों की भी तैनाती की गई है। इन सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पेरिस में सबसे बड़ा सैन्य शिविर स्थापित किया है, जहां से सैनिक शहर के किसी भी ओलंपिक स्थल पर 30 मिनट के भीतर पहुंच सकते हैं। देश के सशस्त्र बल आंतरिक सुरक्षा बलों की सहायता कर रहे हैं। ऑपरेशन सेंटिनेल नाम की टुकड़ी को वैरेस-सुर-मार्ने में तैनात किया गया है, जहां रोइंग, कैनोइंग कयाकिंग जैसे वाटर गेम आयोजित किए जा रहे हैं।