हॉट सीट अनंतनाग-राजौरी के लिए महबूबा मुफ्ती, मियां अल्ताफ और जफर आज भरेंगे पर्चा

प्रदेश में सभी के लिए जिज्ञासा का विषय बने अनंतनाग-राजौरी (Anantnag Rajauri Lok Sabha Election) संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रहे नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद लारवी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती वीरवार को अपना नामांकन जमा कराएंगे।

19 अप्रैल नामांकन की अंतिम तारीख

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी की तरफ से जफर इकबाल मन्हास भी अपना नामांकन जमा कराने वीरवार को ही अनंतनाग पहुंच रहे हैं। नामांकन जमा कराने की समय सीमा 19 अप्रैल शुक्रवार की दोपहर बाद समाप्त हो जाएगी। इस सीट के लिए मतदान सात मई को होगा।

फिलहाल, दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने ही इस सीट के लिए अपने नामांकन पत्र जमा कराए हैं। बता दें कि जम्मू और कश्मीर में पीरपंजाल पर्वत श्रृंखला के दोनों तरफ फैला यह संसदीय क्षेत्र वर्ष 2022 में हुई परिसीमन की प्रक्रिया के दौरान अस्तित्व में आया है। इसमें जिला राजौरी-पुंछ जो जम्मू में है, के सात और अनंतनाग, कुलगाम व शोपियां के 11 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

40 फीसदी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं मतदाता

इस क्षेत्र में मतदाताओं में लगभग 40 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग का मतदाता है। अनंतनाग-राजौरी सीट इस समय पूरे प्रदेश में सबसे प्रतिष्ठित एवं हॉट सीट मानी जा रही है, क्योंकि यह दोनों संभागों में फैली हुई है। इसी सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर प्रदेश आइएनडीआइ एलांयस बिखर गया और नेकां व पीडीपी एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर आयी।

मियां पांच बार लड़ चुके विधानसभा चुना

नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद लारवी पहली बार संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उन्होंने पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता है। उनके पिता और दादा भी सियासत में रहे हैं और उन्होंने भी कभी चुनाव नहीं हारा।

गुज्जर-बक्करवाल एवं पहाड़ी समुदाय के एक बड़े वर्ग के धर्मगुरू मियां अल्ताफ मूलत: जिला गांदरबल में कंगन के रहने वाले हैं,लेकिन राजौरी-पुंछ और कलगाम व अनंतनाग में गुज्जर-बक्करवाल समुदाय में उनके प्रभाव को देखते हुए ही नेकां ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।

तीन बार अनंतनाग संसदीय सीट से लड़ चुकी हैं चुनाव

इससे पूर्व वह वर्ष 2004, 2014 और 2019 में अनंतनाग संसदीय सीट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। उस समय अनंतनाग सीट में राजौरी -पुंछ के बजाय पुलवामा शोपियां व कुलगाम ही शामिल थे। महबूबा ने वर्ष 2004 और 2014 में संसदीय चुनाव जीता,लेकिन 2019 में वह हार गई थी।

पहाड़ी समुदाय से संबंधित हैं जफर इकबाल

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के उम्मीदवार जफर इकबाल मन्हास पहाड़ी समुदाय से आते हैं। वह एक सेवानिवृत्त नौकरशाह हैं। वह लेखक हैं और जम्मू कश्मीर कला भाषा एवं साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर पीडीपी से शुरू किया। पीडीपी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर राज्य विधानपरिषद का सदस्य भी बनाया था। बाद में वह पीडीपी छोड़ जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी का हिस्सा बन गए। वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।