निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में सड़क संपर्क, भौगोलिक व मौसमी परिस्थितियों पर तत्काल जानकारी मांगी है। आयोग ने यह कार्रवाई इस सीट पर अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे विभिन्न उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव टाले जाने के आग्रह के संज्ञान लेते हुए की है। इसके साथ अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट के लिए सात मई को होने जा रहे मतदान के स्थगित होने की अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है।
अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2022 में पूरी हुई परिसीमन की प्रक्रिया के बाद अस्तित्व में आया है। यह पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के दोनों तरफ जम्मू प्रांत के जिला राजौरी व पुंछ में और कश्मीर प्रांत में जिला अनंतनाग, कुलगाम व शोपियां में फैला हुआ है। इस पूरे संसदीय क्षेत्र में आने वाले 18 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात राजौरी-पुंछ में और 11 अनंतनाग-कुलगाम व शोपियां में हैं।
पूरे क्षेत्र में 18 लाख मतदाता
इस क्षेत्र को अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट कहते हैं और 11 विधानसभा क्षेत्र कश्मीर में होने के कारण इसे कश्मीर का तीसरा संसदीय क्षेत्र भी कहते हैं। इस पूरे क्षेत्र में लगभग 18 लाख मतदाता हैं और उनमें से करीब छह लाख राजौरी पुंछ में हैं जोकि पीर पंजाल के दक्षिण में हैं जबकि अनंतनाग-कुलगाम और शोपियां पीर पंजाल के उत्तर में कश्मीर प्रांत में है।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और बीजेपी इन सीटों पर नहीं रही चुनाव
भाजपा, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी, पीपुल्स कान्फ्रेंस के अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने आयोग को अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र की भौगोलिक व मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तिथि आगे बढ़ाए जाने का आग्रह किया है। इस सीट पर मुख्य लड़ाई नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती के बीच है,लेकिन इन दोनों प्रत्याशियों या इनके दलों की तरफ से चुनाव स्थगित कराने के लिए कोई आग्रह नहीं किया गया है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और भाजपा इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही हैं।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना और पीपुल्स कान्फ्रेंस के महासचिव मौलवी इमरान रजा अंसारी के अलावा जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने एक ही दिन आठ अप्रैल 2024 को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। जम्मू कश्मीर नेशनलिस्ट पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवार शेख मुजफ्फर, अपनी पार्टी के उम्मीदवार जफर इकबाल मन्हास और गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के उम्मीदवार एडवोकेट मोहम्मद सलीम पर्रे समेत तीन उम्मीदवारों ने 23 अप्रैल को निर्वाचन आयोग को पत्र लिख है।
सड़क संपर्क बेहतर न होने पर किया चुनाव स्थगित कराने का आग्रह
अली मोहम्मद वानी और अरशिद अहमद लोन नामक दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी पत्र लिखकर चुनाव स्थगित करने का आग्रह किया है। इन सभी ने अपने पत्र में कहा है कि अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में सड़क संपर्क बेहतर नहीं है। यह पूरा क्षेत्र जम्मू और कश्मीर प्रांत में फैला हुआ है, दोनों के बीच मुख्य सड़क संपर्क मुगल रोड ही है जो अक्सर भूस्खलन और हिमपात के कारण बंद रहती है। इस संसदीय क्षेत्र के कई इलाकों में सड़कों की स्थिति ठीक नहीं हैं और कई इलाकों मे बर्फ है। समय भी कम है,इसलिए सभी मतदाताओं तक पहुंच बनाने में उन्हें दिक्कत आ रही है। कई लोग मतदान से भी वंचित रह सकते हैं।इसलिए इस क्षेत्र में मतदान की तिथि को आ