49 आतंकी घुसपैठ की रच रहे साजिश

घाटी में घुसकर आतंक फैलाने की फिराक में पाकिस्तान के 49 आतंकी सीमा के उस पार पहुंच चुके हैं। यह सभी आतंकी पाकिस्तान के अलग-अलग जिलों और हिस्सों से आकर पीओके में इकट्ठा हुए हैं। इन सभी 49 आतंकियों को घाटी में भेज कर दहशत फैलाने के लिए पीओके के चाकोठी इलाके में लश्कर ए तैयबा समेत हिजबुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद के आतंकी कमांडरों की एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर लश्कर ए तैयबा के कमांडर मूसा तौसीफ और आतंकी हुजाफिया ने चाकोठी इलाके में बनाए गए आतंकी ट्रेनिंग कैंप और फैसेलिटीज सेंटर में जाकर आतंकियों को आगे का पूरा प्लान भी समझाया है। हालांकि यह बात अलग है कि आतंकियों के अगले सभी प्लान की जानकारियां भारतीय सुरक्षा एजेंसी को मिल चुकी है। आतंकियों के खतरनाक मंसूबों को देखते हुए उनकी प्लानिंग को नेस्तानाबूत करने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उन सभी जगह पर मुस्तैद हो चुकी हैं जहां से आतंकी घाटी में आने का रास्ता ढूंढ रहे हैं।

अगले दो हफ्ते में हो सकती है बड़ी आतंकी घुसपैठ
खुफिया इनपुट से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से घाटी के भीतर 49 आतंकियों को अगले दो हफ्ते के भीतर घुसाने की साजिश रची जा रही है। जिन आतंकियों को घाटी के भीतर भेज कर दहशत फैलाने की योजना है उसमें लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद के आतंकी शामिल हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को पीओके में स्थित लश्कर तैयबा के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र चाकोठी में एक बैठक हुई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में लश्कर ए तैयबा के कमांडर तौसीफ अल रहमान उर्फ मूसा तौसीफ समेत हुजैफिया उर्फ हंजला ने इस आतंकी प्रशिक्षण सेंटर में मौजूद आतंकियों को घाटी के भीतर दस्तक देने का पूरा रूट प्लान समझाया। जिसमें आतंकियों को बताया गया की घाटी में जाने के लिए फैलान और सुगना इलाके से होते हुए आगे जाना है। जो प्लान आतंकी संगठनों के कमांडर्स ने अपने आतंकियों को दिया इसकी सूचना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को मिलने के बाद पूरा एरिया सुरक्षा कर्मियों के कब्जे में आ गया है। ताकि इस रूट से किसी तरीके की कोई आतंकी गतिविधि ना हो सके।

टेंगरी नाला इलाके में कैंपिंग कर रहे जैश के आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक गुरुवार को जैश ए मोहम्मद ने अपने तीन आतंकियों को पीओके में भेजा है। जानकारी के मुताबिक यह तीनों आतंकी इस वक्त टेंगरी नाला फॉरेस्ट इलाके में ही कैंपिंग कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी को मिले खुफिया इनपुट के आधार पर पता चला है कि यह तीनों आतंकी अगले कुछ दिनों के भीतर खटवारी गली और माचिल के रास्ते घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले हैं। इसके अलावा हिज्बुल मुजाहिदीन के चार आतंकी केरन वाली बन इलाके में पहुंच चुके हैं। खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक इन चारों आतंकियों को आतंकियों के लिए काम करने वाला स्थानीय गाइड उस्मान भी साथ में है। जानकारी के मुताबिक यह सभी आतंकी अगले कुछ दिनों के भीतर अलग-अलग रूट के माध्यम से घाटी के भीतर प्रवेश करने की साजिश रच रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी को मिली जानकारी के तहत पता चला है कि यह चारों आतंकी दो रास्ते तलाश रहे हैं जिससे घाटी में प्रवेश किया जा सके। इसमें पहले रास्ता तालपत्र और लाजरी फॉरेस्ट होते हुए चंदनवाड़ी इलाके में दाखिल होने का है। जबकि आतंकियों को एक अल्टरनेट रूट प्लान भी समझाया गया है। जिसमें उनको समवाली और दुधरन फॉरेस्ट होते हुए बनाली फॉरेस्ट के रास्ते से रामपुर बोनियर इलाके में दाखिल होने का निर्देश दिया गया है।

भारतीय खुफिया एजेंसियों को लगी आतंकियों के प्लान की जानकारी
हालांकि यह बात अलग है कि आतंकियों के पूरे प्लान की जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले से आ चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इन आतंकियों के पास एक-47 राइफल्स के अलावा ग्रेनेड और अन्य गोला बारूद भी है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक जिस रूट से इन आतंकियों के आने की सूचना उनके पास आई है वहां पर पूरे पुख्ता बंदोबस्त किए जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उनके पास मौजूद खुफिया इनपुट के आधार पर उन सभी आतंकियों को मार गिराने का पूरा प्लान भी तैयार हो चुका है। जानकारी के मुताबिक लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के आतंकियों का समूह 13 जुलाई से रौता और दोमेरी फॉरेस्ट के रास्ते घुसपैठ की फिराक में लगा हुआ है। इस रूट से पांच आतंकियों को घुसपैठ कराई जाने की पूरी तैयारी आतंकी संगठनों ने की है। इसके अलावा जैश के छह आतंकी पीओके के सुरजीवर इलाके में रुक कर घाटी में घुसपैठ का रास्ता ढूंढ रहे हैं। एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर पता चला है कि यह सभी आतंकी पीओके के हाजी पीर इलाके में मौजूद हैं। जो कि सियालकोट से बालाकोट फिर हाजी पीर नाला होते हुए ब्रिज पर पहुंचकर दहशत फैलाने की फिराक में है।

आतंकियों के साथ स्थानीय गाइड भी मौजूद
हालांकि सुरक्षा एजेंसी को मिले इनपुट के बाद उन सभी रास्तों और वैकल्पिक रास्तों पर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं ताकि आतंकियों का हिसाब किताब मौके पर किया जा सके। खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक लश्कर ए तैयबा के आतंकी अबू जिंदाल की अगवाई में चार आतंकियों का समूह पीओके के लारी गांव में पहुंचा है। आतंकी भी घाटी में घुसने की फिराक में लगे हुए हैं। इन सभी आतंकियों के साथ कुछ स्थानीय गाइड भी है। तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा आतंकियों को स्थानीय गाइड और आतंक के स्लीपर सेल का सक्रिय सदस्य इकबाल को इस पूरे ग्रुप को लीड कर घाटी के बॉर्डर पर लाने ले जाने की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा ने दी है।

माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रही पाकिस्तानी सेना और आईएसआई
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने इस पूरे खुफिया इनपुट को केंद्र सरकार के साथ साझा भी किया है। आतंकियों ने जिस तरीके से घाटी के भीतर घुसने का पूरा प्लान किया है उसको नेस्तानाबूत करने के लिए उनकी सुरक्षा एजेंसियां अपना प्लान तैयार कर चुकी है। उसी प्लान के तहत उन सभी इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किया गया है जहां से यह अपना मेन रूट और अल्टरनेट रूट का खाका खींच चुके हैं। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (रिटा) दलविंदर चीमा कहते हैं कि जिस तरीके से आतंकियों की पूरी जमात अलग-अलग हिस्सों से घाटी के भीतर घुसने की तैयारी कर रही है उसे यह पता चलता है कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई कितनी सक्रियता के साथ अपने आतंकी संगठनों को माहौल बिगड़ने के निर्देश दे रही है।

वह बताते हैं कि ऐसे मौसम में घुसपैठ करने के लिहाज से पाकिस्तान के आतंकी खुद को कई इलाकों से अंदर आने में ज्यादा आसानी समझ रहे होंगे। जबकि हकीकत बिल्कुल इससे विपरीत है। उनका कहना है कि जितनी जानकारियां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास पहुंच चुकी हैं वो सभी उनके मंसूबों को नाकाम करने के लिए पर्याप्त है। उनका कहना है हमारे पास अगर सही वक्त पर सही सूचना आती है तो फिर आतंकियों का सफाया करने में वक्त नहीं लगता है। वह कहते हैं कि गुरुवार को केरन में हुई मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराने की घटना इसी खुफिया इनपुट के आधार पर मानी जा रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में उन सभी रूट पर आतंकियों का सफाया होना तय है जिसकी जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेंसी को मिल चुकी है।