प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार को इटली रवाना हो गए। यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा है। इटली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी जी-7 से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर सकते हैं।
इटली में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाए रहने की उम्मीद है।
पहले जानते हैं जी-7 के बारे में
जी-7 का पूरा नाम ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) है जो एक अनौपचारिक वैश्विक मंच है। यह समूह इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका को एक साथ लाने का काम करता है। यूरोपीय संघ भी समूह में भाग लेता है। 1973 के ऊर्जा संकट के जवाब में आर्थिक और वित्तीय सहयोग के लिए एक मंच के रूप में जी-7 की स्थापना की गई थी। पहला शिखर सम्मेलन 1975 में फ्रांस में आयोजित किया गया था जिसमें फ्रांस, अमेरिका, यूके, जर्मनी, जापान और इटली शामिल थे। हालांकि, 1976 में कनाडा भी शामिल हो गया जोकि जी-7 का वर्तमान स्वरूप भी है। 1997 से 2013 के बीच G-7 का विस्तार G8 में हुआ, जिसमें रूस भी शामिल हो गया। हालांकि, 2014 में क्रीमिया के नियंत्रण में लेने के बाद रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी।
हर साल 1 जनवरी से शुरू होकर कोई एक सदस्य देश बारी-बारी से समूह का नेतृत्व संभालता है। 1 जनवरी, 2024 को इटली ने जापान के बाद अध्यक्षता संभाली और 31 दिसंबर, 2024 को इसे कनाडा को सौंप देगा। शिखर सम्मेलन में सात सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि और अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भाग लेते हैं।
जी-7 शिखर सम्मेलन 2024 का कार्यक्रम और अथिति कौन हैं?
इटली में 13 जून से तीन दिवसीय जी-7 शिखर सम्मेलन का आगाज हो रहा है। 13 से 15 जून तक पुगलिया में बोर्गो एग्नाजिया में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जी-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इटली की अध्यक्षता के तहत हो रही है। तीन दिनों के सत्र के दौरान वैश्विक नेता मुख्य वैश्विक मुद्दों पर बात करेंगे। इस कार्यक्रम में सात सदस्य देशों (इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके और अमेरिका) के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष भी शामिल होंगे।