मुरादाबाद के कटघर के गाड़ीखाना मोहल्ले में पीतल कारोबारी अनिल चौधरी की हत्या की साजिश उसकी पत्नी तनु चौधरी ने अपने प्रेमी कन्हैया के साथ मिलकर रची थी। बुधवार को पुलिस ने तनु और हत्यारोपी मोहित को गिरफ्तार कर लिया। पत्नी ने खाने में नींद का कैप्सूल मिलाकर अनिल को बेहोश कर दिया था। घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। तय साजिश के मुताबिक रात में घर में घुसे मोहित और आमोद गुप्ता ने सोते समय अनिल को चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। पुलिस कन्हैया की तलाश में है। एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया ने बताया कि शाहबाद (रामपुर) क्षेत्र के मूल निवासी अनिल चौधरी (32) की हत्या शनिवार रात की गई थी। पास में सो रही पत्नी तनु को खरोंच तक नहीं आई थी। अनिल की बड़ी बेटी मानसी ने पुलिस को हमलावर मोहित और आमोद के नाम बताए थे लेकिन तनु ने पहचानने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद से तनु शक के दायरे में थी। वारदात के बाद भागे बहजोई (संभल) के मोहल्ला टंकी निवासी मोहित को बुधवार को गिरफ्तार किया तो पूरा खुलासा हो गया। पुलिस के मुताबिक मोहित ने बताया कि कन्हैया बहजोई के नाधौश का रहने वाला है। वह कटघर के कटराबीच छत्ता में आमोद गुप्ता के मकान में किराये पर रहकर बाला जी का दरबार लगाता है। करीब एक साल से तनु कन्हैया के संपर्क में थी। दोनों में प्रेम संबंध हो गए थे। दिखावे के लिए महिला ने कन्हैया को मुंहबोला भाई बना रखा था। कुछ दिन पहले तनु व बेटियां कन्हैया के साथ राजस्थान गई थीं। वहां दोनों साथ रुके थे जबकि बेटियों को दूसरे कमरे में ठहराया था। कन्हैया के साथ तनु की रील भी वायरल हुई थी। इसके बाद से अनिल ने सख्ती की और पत्नी तनु को कन्हैया से मिलने से मना कर दिया था। इस पर तनु और कन्हैया ने अनिल की हत्या की साजिश रच डाली। कन्हैया ने अपने खास चेले मोहित और आमोद को जिम्मेदारी दी, जिन्होंने हत्या को अंजाम दिया। हत्या के दौरान चाकू लगने से आमोद के हाथ की नस कट गई थी।
भागते समय ज्यादा खून बहने से आमोद बेहोश हो गया था। इसके बाद मोहित उसे अचेत हालत में छोड़कर भाग गया था। बाद में आमोद की मौत हो गई थी। तनु ने प्रेमी कन्हैया की साजिश के तहत पहले नशे का कैप्सूल देकर पति अनिल चौधरी को गहरी नींद में सुलाया। नशे गहराते ही कन्हैया के चेलों आमोद और मोहित ने अनिल को मौत की नींद सुला दिया । मोहित ने पुलिस को बताया कि शनिवार को कन्हैया ने आमोद के घर में बाला जी का दरबार लगाया था। तनु अपनी बेटियों के साथ दरबार में आई थी। दरबार के बाद तनु ने बेटियों को घर भेज दिया और खुद कन्हैया, मोहित और आमोद से मिलकर अनिल की हत्या की साजिश रची। कन्हैया ने पीले रंग का कैप्सूल देते हुए तनु से कहा कि इसे अनिल के खाने में मिला देना। खाने के बाद अनिल गहरी नींद में सो जाएगा। घर पहुंचकर तनु ने खाने में नींद का कैप्सूल मिलाकर अनिल को खिला दिया था। अनिल नशे में गहरी नींद में सो गया। साजिश के मुताबिक तुन ने घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। रात करीब एक बजे आमोद और मोहित ने घर में घुसकर चाकुओं के हमले से अनिल की जान ले ली। रात करीब एक बजे कन्हैया बाइक से मोहित और आमोद को अनिल के घर तक छोड़ने आया था। इसके बाद दोनों मकान में घुस गए थे। जिस वक्त अनिल पर चाकू से हमला किया गया था। उसी दौरान आमोद के हाथ में चाकू लग गया था। जिससे उसके हाथ की नस कट गई थी। उस समय आमोद के हाथ में अंगोछा बांधा गया था लेकिन खून नहीं रुक पा रहा था। कन्हैया और मोहित आमोद को अस्पताल लेकर जा रहे थे लेकिन वह रास्ते में ही बेहोश हो गया था। तब वो दोनों उसे रास्ते में छोड़कर भाग गए थे और चाकू अटल घाट के पास रामगंगा में फेंक दिया था। पुलिस के मुताबिक तनु चौधरी को अपने पति अनिल की हत्या का कोई पछतावा नहीं है। उसने पूछताछ में बताया कि वह अनिल के बार-बार के ताने और पाबंदी से तंग आ गई थी। ठान लिया था कि अब वह अनिल को रास्ते से हटाकर कन्हैया के साथ रहेगी। इसलिए उसने हत्या कराई है।