भारतीय दूतावास ने कहा- विश्वास और मित्रता का प्रतीक

गुयाना के स्पार्टा में एस्सेक्विबो तट पर रविवार को सीता राम राधे श्याम मंदिर में भगवान हनुमान की 16 फीट की मूर्ति स्थापित की गई। भारतीय दूतावास ने मूर्ति को ‘विश्वास, मित्रता और दृढ़ संकल्प’ का प्रतीक बताया है। दूतावास ने कहा कि भगवान हनुमान की मूर्ति को सूकलाल परिवार ने भारत से आयात किया है और अपने माता-पिता की याद में स्थापित किया है।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मूर्ति के अनावरण से पहले शुक्रवार को तीन दिवसीय यज्ञ शुरू किया गया, जिसके बाद भक्तों की भारी भीड़ के सामने मूर्ति का अनावरण किया गया। धार्मिक कार्यक्रम में समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस दौरान भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, भगवान हनुमान की मूर्ति की स्थापना मंदिर और क्षेत्र के हिंदू समुदाय के लिए एक मील का पत्थर है। 

भारतीय दूतावास ने साझा की तस्वीरें 
गुयाना में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट कर भगवान हनुमान की मूर्ति की तस्वीर साझा की। दूतावास ने कहा, ‘स्पार्टा के सीता राम राधे श्याम मंदिर में भगवान हनुमान की 16 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। यह आस्था, मित्रता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। भगवान बजरंगबली भारत और गुयाना के बीच लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध बनाने के हमारे प्रयासों में हमारा भला करें।’ 

गुयाना में भी एक मिनी इंडिया: पीएम मोदी
पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुयाना में प्रवासी भारतीयों के प्रभाव पर प्रकाश डाला था। उन्होंने कहा था कि  वहां ‘एक मिनी इंडिया’ मौजूद है, जहां भारतीय मूल के लोग राजनीति, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति में अग्रणी बन गए हैं। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड के दौरान और गुयाना की अपनी आधिकारिक राजकीय यात्रा के बाद यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि करीब 180 साल पहले भारत से लोगों को खेतों में काम करने और दूसरे कामों के लिए गुयाना ले जाया जाता था। आज गुयाना में भारतीय मूल के लोग राजनीति, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति के हर क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं, जिन्हें अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है।

भारत-गुयाना के बीच 1965 से राजनयिक संबंध: विदेश मंत्रालय
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी 20 से 22 नवंबर तक गुयाना की आधिकारिक यात्रा पर थे। वे 56 वर्षों में गुयाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, भारत और गुयाना के बीच राजनयिक संबंध 1965 से ही हैं, जब मई 1965 में जॉर्जटाउन में भारत आयोग की स्थापना की गई थी। 26 मई, 1966 को देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1968 में इसे पूर्ण रूप से भारत का उच्च आयोग बना दिया गया था।