“दिल्ली में बिजली की खरीद लागत में 8% की वृद्धि, उपभोक्ताओं को ज्याद

आतिशी
आतिशी

दिल्ली में बिजली खरीद की लागत आठ प्रतिशत बढ़ जाने के परिणामस्वरूप, 200 यूनिट से अधिक मासिक खपत वाले उपभोक्ताओं को अब अधिक बिल चुकाना होगा। दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने इस संबंध में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के कुप्रबंधन के कारण दिल्ली को मिलने वाली बिजली महंगी हो गई है और इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को अधिक बिल चुकाना पड़ेगा। हालांकि, इस दर वृद्धि का 200 यूनिट से कम मासिक खपत वाले उपभोक्ताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

दिल्ली में बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) को हर तीन महीने पर संशोधित किया जाता है, जिसमें बिजली दरों को कोयले और गैस की दरों के आधार पर बढ़ाया या घटाया जाता है।

आतिशी ने कहा, “मैं दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं से यह कहना चाहती हूं कि बिजली बिल में इस बढ़ोतरी के लिए सिर्फ केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। इसने आयातित कोयला का उपयोग करने के लिए बिजली संयंत्रों को मजबूर किया है जो घरेलू कोयले की तुलना में 10 गुना महंगा है। केंद्र ने यह कदम देश में कोयले की उपलब्धता को लेकर कोई किल्लत न होने के बावजूद उठाया है।”

दिल्ली में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने इस बिजली दर बढ़ोतरी के लिए बिजली वितरण कंपनियों और आप की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली में आप सरकार 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को मुफ्त में बिजली प्रदान करती है, जबकि 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को आधे बिल पर सब्सिडी दी जाती है।

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