AAP: सुप्रीम कोर्ट का अडानी घोटाले की जांच का आदेश मोदी सरकार पर तमाचा

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सुप्रीम कोर्ट का अडानी घोटाले की जांच का आदेश मोदी सरकार पर तमाचा
AAP, 02 मार्च (वार्ता)- आम आदमी पार्टी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का अडानी घोटाले की जांच का आदेश मोदी सरकार पर जोरदार तमाचा है। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि अडानी के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर अडानी के घोटालों की जांच करने का आदेश दिया है। यह एक सराहनीय फैसला है। उस कमेटी में पूर्व न्यायाधीश को भी शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मोदी सरकार पर जोरदार तमाचा है। पूरा विपक्ष एक स्वर में कह रहा था कि अडानी का घोटाला पूरी दुनिया के काॅरपोरेट जगत का सबसे बड़ा घोटाला है जिसमें एलआईसी और एसबीआई में करोड़ों लोगों का पैसा डूब रहा है।
उन्होंने कहा कि वह पहले दिन से ही कह रहे हैं कि मोदी सरकार ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबी हुई है। मोदी सरकार अडानी के साथ मिलकर देश की संपत्तियों को नीलाम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडानी को कोयला, गैस, बिजली, पानी, सड़क, स्टील, सीमेंट, सी-पोर्ट और एयरपोर्ट दे दिया। आकाश से लेकर पाताल तक सबकुछ अडानी को दे दिया। अडानी को 2.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दे दिया और जब व्यवसाय में घाटा होने लगा तो 84 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया।

AAP- SC का अडानी घोटाले की जांच का आदेश मोदी सरकार पर तमाचा

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष का गला दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं लेकिन अपने दोस्त अडानी को बचाने के लिए इन एजेंसियों को काल कोठरी में बंद कर देते हैं और उस पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, यह भी पूरे देश ने देखा। प्रधानमंत्री के संरक्षण में उनके मित्र अडानी ने काॅरपोरेट जगत और दुनिया का यह सबसे बड़ा घोटाला किया है। इसकी परतें खुलनी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग के गठन की प्रक्रिया को निर्धारित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले को एतिहासिक बताते हुए स्वागत किया है।
अब प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तय करेंगे कि चुनाव आयोग में कौन बैठेगा? अभी चुनाव आयोग तब तक इंतजार करता है, जब तक प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की रैलियां और घोषणाएं न हो जाएं। चुनाव आयोग अभी यह सब देखकर चुनाव की तारीखों का एलान करता है, इसलिए लंबे समय से चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर आवाज उठ रही थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है कि चुनाव आयोग के गठन में सबसे बड़ी पार्टी का एक सदस्य होगा, प्रधानमंत्री होंगे और मुख्य न्यायाधीश होंगे। ये लोग मिलकर चुनाव आयोग का गठन करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह बेहतरीन फैसला है।