आज चेन्नई से दिल्ली पहुंचे अधीनम (Adheenams) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को सेंगोल (Sengol) सौंपी। विकास रविवार को नए संसद भवन (New Parliament) के उद्घाटन से एक दिन पहले आता है।
पीएम मोदी ने आज शाम अपने आवास पर आदिनम लोगों से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। सूत्रों के मुताबिक कल सुबह 8:30 से 9 बजे के बीच नई संसद के लोकसभा कक्ष में सेंगोल की स्थापना की जाएगी।
सेंगोल की उत्पत्ति चोल साम्राज्य में हुई थी, जहाँ इसे एक राजा से दूसरे राजा को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इसके ऊपर नंदी की नक्काशी थी, जिसे न्याय का प्रतीक कहा जाता है।
एक सरकारी दस्तावेज़ में दावा किया गया है कि जब 1947 में भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली, तो सेंगोल ने इस दुविधा को हल किया कि सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक क्या हो सकता है।
श्री ला श्री थम्बिरन, जो उस समय थिरुववदुथुरै अधीनम संत के प्रतिनिधि थे, ने सेंगोल को लॉर्ड माउंटबेटन को सौंप दिया, जिन्होंने इसे वापस सौंप दिया (New Parliament)।
सेंगोल ने भाजपा और कांग्रेस के बीच शब्दों के युद्ध को प्रज्वलित कर दिया है, और बाद में स्वर्ण राजदंड को अंग्रेजों से भारतीयों को “सत्ता के हस्तांतरण” के प्रतीक के रूप में मना कर दिया। स्मृति ईरानी ने सबसे पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा सेंगोल को चलने वाली छड़ी कहना दर्शाता है कि गांधी परिवार लोकतंत्र के बारे में क्या सोचता है।