अब ईरान की बारी, अमेरिकी नौसेना के बेड़ों को बनाओ निशाना; खामेनेई के करीबी की दो टूक

अमेरिकी हमलों के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी होसैन शरीयतमादारी ने कहा है कि अब बिना देरी किए कार्रवाई करने की हमारी बारी है। पहले कदम के रूप में, हमें बहरीन में अमेरिकी नौसैनिक बेड़े पर मिसाइल हमला करना चाहिए।

मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने के साथ ही, कई ईरानी अधिकारियों ने ईरान में किए गए हमलों के जवाब में अमेरिका के लिए गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है। ईरान पर अमेरिका के हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी होसैन शरीयतमादारी ने कहा है कि अब बिना देरी किए कार्रवाई करने की हमारी बारी है। पहले कदम के रूप में, हमें बहरीन में अमेरिकी नौसैनिक बेड़े पर मिसाइल हमला करना चाहिए और साथ ही अमेरिकी, ब्रिटिश, जर्मन और फ्रांसीसी जहाजों के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना चाहिए। शरियतमदारी कायहान अखबार के प्रबंध संपादक हैं और उन्हें सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का करीबी विश्वासपात्र भी बताया जाता है।

अमेरिका के हमलों के बाद खामेनेई की ओर से आधिकारिक बयान और प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन अयातुल्ला के टेलीग्राम अकाउंट ने सुप्रीम लीडर द्वारा जारी की गई एक पूर्व चेतावनी को फिर से पोस्ट किया। एक टेलीविजन संबोधन के दौरान अपने बयानों में, खामेनेई ने ईरान-इजरायल संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी दी। खामेनेई ने वीडियो में कहा, “अमेरिका को होने वाला नुकसान ईरान को होने वाले किसी भी नुकसान से कहीं ज्यादा होगा।” खामेनेई ने कहा, “अमेरिकियों को पता होना चाहिए कि किसी भी अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के साथ निस्संदेह अपूरणीय क्षति होगी। उन्होंने कहा कि “अमेरिका इस मामले में 100 फीसदी अपने ही नुकसान के लिए प्रवेश कर रहा है। इसे होने वाला नुकसान ईरान को होने वाले किसी भी नुकसान से कहीं ज्यादा होगा।

इसके अलावा, ईरान की पहली प्रतिक्रिया में ईरानी विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराग्ची ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ”संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का गंभीर उल्लंघन किया है।” अराग्ची ने कहा, ”आज सुबह की घटनाएं अपमानजनक हैं और इसके अनन्त परिणाम होंगे। संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को इस अत्यंत खतरनाक, कानूनविहीन और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर और आत्मरक्षा में वैध प्रतिक्रिया की अनुमति देने वाले इसके प्रावधानों के अनुसार, ईरान अपनी संप्रभुता, हितों और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है।”

ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले
ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए इजराइल के हमलों में उसका साथ देते हुए अमेरिका की सेना ने रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र ‘पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं’। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ‘सटीकता, तीव्रता और कुशलता’ से ऐसे और अधिक केंद्रों को निशाना बना सकता है। ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ”ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई त्रासदी से कहीं अधिक घातक होगी।”