Delhi Ordinance Update: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज मुंबई के मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. उनके साथ सा इस मीटिंग में राघव चड्ढा, संजय सिंह और भगवंत मान भी शामिल रहे. इस मीटिंग में महारष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमसब देश और लोकतंत्र को बचने के लिए एकजुट हुए है. विपक्षी दिल हमें नहीं बल्कि उन्हें (केंद्र) को कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोग लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है. केजरीवल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे इस अध्यादेश के खिलाफ होने का समर्थन देंगे और अगर अध्यादेश सांसद में पारित नहीं हुआ तो 2024 में में बीजेपी की सरकार गिर जाएगी.
Maharashtra | Delhi CM and AAP national convenor Arvind Kejriwal, Punjab CM Bhagwant Mann and other AAP leaders meet former Maharashtra CM Uddhav Thackeray and MP Sanjay Raut, in Mumbai. pic.twitter.com/o30RhAp1zy
— ANI (@ANI) May 24, 2023
कल ममता से मिले थे केजरीवाल
केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर समर्थन लेने के लिए देश का दौरा कर रहे है. कल केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. दरअसल आप के संयोजक केजरीवाल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश को लेकर केंद्र के खिलाफ लड़ाई के लिए विपक्षी दलों का समर्थन लेने की कोशिश में है. केजरीवाल ने इस मीटिंग में कहा कि ये लड़ाई सिर्फ दिल्ली वालों की नहीं बल्कि पुरे भारतीय जनतंत्र को बचाने की लड़ाई है, न्यायपालिका को बचने की लड़ाई है, देश बचाने की लड़ाई है. मैं सबका साथ देने की उम्मीद करता हूं. ममता बनर्जी ने केजरीवाल का समर्थन देने के लिए तैयार हो चुकी है.
केजरीवाल बिहार के सीएम नितीश कुमार से मांगा समर्थन
इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल मदद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार से मुलाकात कर चुके है. इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार इस मामले में केंद्र के साथ लड़ाई में अपना पूरा समर्थन देने का अश्वासन दिया है. खबरों के अनुसार आने वाले समय में केजरीवाल द्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार से मिलने मुंबई जाने वाले है.
क्या है पूरा मामला
कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट कहा था कि दिल्ली में काम कर रहे अफसरों का ट्रांसफर-पोस्टिंग करने की जिम्मेदारी केजरीवाल सरकार के पास है, इसको लेकर केंद्रीय सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के मकसद से 19 मई को अध्यादेश लेकर आई थी. जानकारी के लिए बता दें कि को छह महीने के अंदर संसद की मंजूरी मिल जाती है.
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