ब्रजेश मिश्रा नामक एक ट्रैवल एजेंट को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे भारतीय छात्रों को फर्जी दस्तावेज जमा करवाने के आरोप में पकड़ा गया है। यह एजेंट बाहरी छात्रों को कनाडा के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए फर्जी स्वीकृति पत्र प्रदान करने में शामिल था। उसका साथी राहुल भार्गव पहले ही जालंधर में गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में कनाडा के निर्माण मंत्री भगवंत मान को पंजाब के विद्यार्थियों द्वारा एक पत्र लिखा गया है। उन्होंने मांग की है कि एक टास्क फोर्स बनाई जाए, जो इस मामले की जांच करे, और पंजाब सरकार द्वारा एक वकीलों का पैनल गठित किया जाए जो इन छात्रों को कानूनी मदद प्रदान कर सके। विद्यार्थियों ने यह भी मांग की है कि भारत में फंसे छात्रों के परिजनों को आर्थिक मदद भी की जाए। विद्यार्थियों का कहना है कि अब तक उनके मामले का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
यह मामला सामने आया था जब कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासन पत्र जारी किया था, जिनमें से अधिकांश पंजाब के छात्र थे। ये छात्र 3 वर्ष पहले छात्र वीजा के तहत कनाडा गए थे। उन्हें इस बात का पता चला जब उन्होंने परमानेंट रेजिडेंस के लिए आवेदन दिया। जांच में सामने आया कि उन्हें संस्थानों के द्वारा दिए गए शुरुआती ऑफर लेटर फर्जी थे। इसके बाद जालंधर के ट्रैवल एजेंट ब्रजेश मिश्रा का नाम सामने आया।
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