सीसीआई ने टाटा ग्रुप के विमानन कंपनी एअर इंडिया और विस्तारा के विलय को मंजूरी दी है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा। इस विलय के बाद, एअर इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरलाइन बन गई है। टाटा ग्रुप ने इसे अपने एयरलाइन कारोबार को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है। विस्तारा एयरलाइन को टाटा SIA एयरलाइंस के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइन की ज्वाइंट वेंचर है।
सीसीआई ने इसे शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर पर घोषित किया और कहा, “सीसीआई ने टाटा एसआईए एयरलाइंस के एअर इंडिया में विलय को और पार्टियों द्वारा प्रस्तावित स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं के अनुपालन के अधीन एअर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा कुछ शेयरों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।
C-2023/04/1022 CCI approves the merger of Tata SIA Airlines into Air India, and acquisition of certain shareholding by Singapore Airlines in Air India subject to compliance of voluntary commitments offered by the parties.#CCIMerger #Mergers pic.twitter.com/QihGf4xxus
— CCI (@CCI_India) September 1, 2023
विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 49% हिस्सेदारी
विस्तारा और एअर इंडिया टाटा ग्रुप की पूर्ण-सेवा वाली एयरलाइंस हैं, और विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 49% हिस्सेदारी है। टाटा ग्रुप ने पिछले साल नवंबर में एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तार के विलय की घोषणा की, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस भी एअर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
प्रस्तावित विलय के लिए सीसीआई से अप्रैल में मंजूरी मांगी गई थी, जिसमें टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल), एअर इंडिया लिमिटेड, टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल) और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड पक्ष बने हैं।
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