Ambedkar Jayanti 2023: अंबेडकर जयंती या भीम जयंती हर साल बड़े गर्व के साथ मनाई जाती है क्योंकि यह भारत के महान समाज सुधारक और राजनीतिक नेता- बीआर अंबेडकर की जयंती है। वह जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे और अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने और दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़े थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने 29 अगस्त, 1947 को संविधान सभा द्वारा निर्धारित प्रारूप समिति का नेतृत्व किया था।
आइए जानते हैं बाबासाहेब अंबेडकर के कुछ प्रेरक संदेशों के बारे में: Ambedkar Jayanti 2023
- अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है तो मैं सबसे पहले इसे जलाऊंगा।
- कर्तव्य का पालन करना चाहिए, प्रयास सफल हों या न हों, कार्य की सराहना हो या न हो। जब किसी व्यक्ति की उद्देश्यपूर्णता और क्षमता सिद्ध हो जाती है तो उसके शत्रु भी उसका आदर करने लगते हैं।
- मन का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
- जो व्यक्ति झुक सकता है वो झुका भी सकता है। अपने भाग्य की बजाय अपनी शक्ति में विश्वास रखो, महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्य नहीं है
- कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार हो जाए तो दवा जरूर देनी चाहिए।
- पति-पत्नी का रिश्ता सबसे करीबी दोस्तों जैसा होना चाहिए।
- एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस मायने में भिन्न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है।
- जो इतिहास भूल जाते हैं वे इतिहास नहीं बना सकते।
- मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेगी, उस दिन इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है
- हड़पने वालों की अंतरात्मा की अपील करने से खोया हुआ अधिकार कभी वापस नहीं मिलता, बल्कि अथक संघर्ष से…. बलिदान के लिए बकरों का इस्तेमाल होता है न कि शेरों का।
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