राजस्थान में पेपर लीक और नकल के मामले पर किए कानून में संशोधन, इतने साल की सजा और लगेगा जुर्माना

पेपर लीक और नकल के मामले पर किए कानून में संशोधन
पेपर लीक और नकल के मामले पर किए कानून में संशोधन

राजस्थान सरकार ने पेपर लीक और नकल के खिलाफ बनाए गए कानून में संशोधन किया है। इस संशोधन के अनुसार, अब अगर कोई व्यक्ति पेपर लीक या नकल करने के मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 10 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद का सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही उसे कम से कम 10 लाख रुपए अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना देना होगा। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कल राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा संशोधन विधेयक 2023 को सदन के पटल पर रखा और करीब तीन घंटे की चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। इस संशोधन के अनुसार अगर दोषी शख्स जुर्माने की राशि अदा करने में नाकाम रहता है तो उसकी सजा 2 साल और बढ़ जाएगी।

पारदर्शिता और नकल रोकने के लिए बनाए नए संशोधन

यह नया कानून राजस्थान लोक सेवा आयोग, चयन बोर्ड और अधीनस्थ बोर्ड की परीक्षाओं में पारदर्शिता और नकल को रोकने के लिए बनाया गया है। पहले से ही पेपर लीक और नकल को रोकने के लिए इस्तेमाल हो रहे कानून को अब और सख्त बनाया गया है। यह नए संशोधन का फैसला करने में विपक्षी दलों ने सरकार पर दबाव डाला था। इसके साथ ही, राजस्थान की सरकारी पार्टी के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने भी आवाज उठाई थी। यह कद्दावर संशोधन राजस्थान में परीक्षाओं में नकल और धांधली को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का एक सकारात्मक कदम है। सरकार ने इसके माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है और छात्रों को नकल और धांधली से दूर रखने के लिए सख्त एवं न्यायसंगत कार्रवाई करेगी।

खास कानून

  • सजा जुर्माना
  • न्यूनतम सजा: 10 वर्ष न्यूनतम जुर्माना-10 लाख
  • अधिकतम सजा: उम्रकैद अधिकतम जुर्माना- 10 करोड़

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