अमेरिकी विदेश विभाग ने कल भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का समर्थन करने के लिए एक बयान जारी किया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अमेरिका पहले भी इसी मुद्दे पर दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता आया है। यह बयान खास तौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की 5 अगस्त को वर्षगांठ है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी। इस इच्छा को लेकर अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता से सवाल किया गया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने फिर से बातचीत के समर्थन का रुख दिखाया है।
यह देखा गया है कि अमेरिका ने पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को समर्थन दिया है। इसी साल के मार्च महीने में भी अमेरिकी विदेश विभाग के तत्कालीन प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अमेरिका दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए दोनों देश भी तैयार होने की जरूरत है। उन्होंने दोनों देशों को बातचीत में मध्यस्थता के लिए भी तैयार किया था।
अमेरिका का बयान
इस संदर्भ में, भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत की संभावना पर अमेरिका का एक और बयान आया है, जो इस क्षेत्र में समीपवर्ती राजनीतिक संगठनों और देशों के संबंधों को बदल सकता है। जब दुनिया कश्मीर के अनुच्छेद 370 को हटाने के पांचवे वर्षगांठ को देख रही है, तो यह बातचीत का समर्थन अधिक महत्वपूर्ण बन जाता है।
यह विकल्प हो सकता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बातचीत की इच्छा के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने इस संदर्भ में एक ऐतिहासिक मूल्यांकन किया हो, जिसमें दोनों देशों के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए उनका समर्थन दिया जा सकता है। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होने की संभावना होती है और कश्मीर समस्या के समाधान की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है।
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