नई दिल्ली: साइबर ठगी के मामलों के बढ़ते आंकड़ों और फर्जीवाड़े के मामलों के चलते, सरकार ने भारी कदम उठाया है। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें सिम कार्ड की बिक्री के नियमों को सख्त करना शामिल है।
सरकार ने बिना केवाईसी (KYC) के सिम कार्ड की बिक्री पर पाबंदी लगाई है और बिक्री करने वाले डीलर्स की वेरिफिकेशन टेलीकॉम कंपनियों को करनी होगी। अब डीलर्स को सिम कार्ड बेचने से पहले ग्राहकों के वैरिफिकेशन का प्रमाण पेश करना होगा। यदि कोई टेलीकॉम कंपनी बिना केवाईसी के सिम कार्ड बेचती है, तो उस पर प्रति दुकान को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार साइबर ठगी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। सरकार ने 66,000 धोखाधड़ी वाले WhatsApp अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है और 67,000 सिम कार्ड डीलरों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। इसके अलावा, अब तक 52 लाख मोबाइल सिम कार्ड को बंद कर दिया गया है। वैष्णव ने बताया कि धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए गए लगभग 8 लाख बैंक वॉलेट अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं।
नए नियम 1 अक्टूबर 2023 से लागू होंगे और टेलीकॉम ऑपरेटरों को 30 सितंबर 2023 से पहले सभी ‘प्वाइंट ऑफ सेल’ (POS) को रजिस्टर करना होगा। दिल्लीटेड डीलर्स को सिम कार्ड बेचने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना देने के लिए भी घोषणा की गई है। सिम कार्ड बेचने वालों को अब पुलिस वेरिफिकेशन के साथ ही बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन भी करवाना होगा, और इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य होगा।
सरकार ने सिम कार्ड की बिक्री को सुरक्षित रखने और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए ये नियम लागू किए हैं। इन नियमों के पालन से फर्जीवाड़ों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिससे ग्राहकों की सुरक्षा में सुधार होगा।
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