Annual conference, अमृतसर, 24 फरवरी (वार्ता) : गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर का वार्षिक सम्मेलन का आयोजन फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग, गुरु रामदास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च द्वारा भारतीय एकेडमी ऑफ फोरेंसिक मेडिसिन के सहयोग से फॉरेंसिक मेडिकॉन 2023′ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ सुखचैन सिंह गिल, पुलिस महानिरीक्षक और पंजाब के मुख्यमंत्री के नोडल अधिकारी, मुख्य अतिथि थे और प्रियांक कानूनगो, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार सम्मानित अतिथि थे। प्रियांक कानूनगो ने कहा कि देश-विदेश में अपनी पहचान बनाने वाली इस संस्था के सम्मेलन में शामिल होकर वे स्वयं को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पांच से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या बहुत अधिक है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे इस बारे में किसी को बता भी नहीं सकते हैं, इसलिए इस पर ध्यान देने और इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि वह भारत में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे, क्योंकि देश के 55 करोड़ बच्चे देश का भविष्य हैं। डॉ मनजीत सिंह उप्पल, कुलपति, गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, अमृतसर ने कहा कि देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों और सरकारी विभागों से बड़ी संख्या में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख विशेषज्ञों ने चर्चा में भाग लिया और अपने ज्ञान को साझा किया।
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उन्होंने कहा कि गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज अमृतसर के विशाल परिसर में प्रख्यात वक्ताओं, फॉरेंसिक मेडिसिन के दिग्गजों, विषय के शोधकर्ताओं और अन्य प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने मानवता की सेवा में पेपर प्रस्तुत किए और फॉरेंसिक मेडिसिन से संबंधित विषयों पर गहन चर्चा की। डॉ ए पी सिंह ने आए हुए अतिथियों, प्रतिनिधियों, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और कहा कि हम फॉरेंसिक मेडिकॉन 2023 की मेजबानी करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं और भविष्य में भी वे चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों और चिकित्सा का अध्ययन करने वाले छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करेंगे। इस तरह के आयोजनों के लिए आयोजित करना जारी रखें। भारत भर से 500 से अधिक प्रतिनिधियों, संकाय सदस्यों और छात्रों ने सम्मेलन में भाग लिया और अपने ज्ञान को बढ़ाया। सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर 45 अलग-अलग सत्र हुए। प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए डॉ सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि यह सम्मेलन वैज्ञानिक चर्चाओं के माध्यम से फॉरेंसिक चिकित्सा में उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत ज्ञान और नए उपकरणों पर नई रोशनी डालेगा। उन्होंने कहा कि मानव शरीर और दिमाग से जुड़ी घटनाओं की फोरेंसिक व्याख्या आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अपराध के असली दोषियों को खोजने के लिए कानूनी कार्रवाई के लिए साक्ष्य की आवश्यकता होती है और फोरेंसिक विज्ञान ठोस सबूत प्रदान करने में काम आता है। उन्होंने श्री गुरु रामदास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, अमृतसर द्वारा पंजाब में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को पंजाब की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि संस्थानों का शैक्षणिक उत्कृष्टता का उत्कृष्ट इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि यह महान संस्थान सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
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