मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक और चीते की मौत हो गई है। इस सामयिक समाचार के अनुसार, यह चीते की मौत का नौंवां मामला है। बुधवार को हुई मृत्यु के बाद, इस चीते को मार्च के बाद से मरने वाला छठा वयस्क चीता माना गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मौत के सम्बंध में अपनी चिंता जताई है और उन्होंने विज्ञान और पारदर्शिता को पीछे छोड़कर स्थिति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह मौतें अपेक्षित नहीं होतीं हैं और इसे अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों द्वारा ख़ारिज किया जा रहा है।
पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने भी इस घटना पर ट्वीट किया और उन्होंने यह बताया कि मादा चीतों में से एक धात्री (तिब्लिसी) की मौत हुई है। वन विभाग ने मौत के कारण की जांच करने की प्रक्रिया शुरू की है और उन्होंने इन घातकता के पीछे विज्ञान और पारदर्शिता को पीछे छोड़कर किए गए निर्णयों को बखूबी चुनौती दी है।
वन विभाग ने बताया है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 14 चीते हैं, जिनमें सात नर, छह मादा और एक मादा शावक शामिल हैं। मृत चीते की शव बाड़े में रखी गई है और एक मादा चीता खुले में रह रही है, जिसकी निगरानी एक टीम द्वारा की जा रही है। वन विभाग उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए वापस लाने के प्रयास कर रहा है।
अभी तक चीते की मृत्यु के असली कारण की पुष्टि नहीं हुई है और विभाग उसे जांचने में जुटा हुआ है। इस घटना के पीछे की अधिक जानकारी और विस्तृत जांच के लिए अधिकारिक विभागों द्वारा अगली सूचना जारी की जाएगी।
यह खबर माध्यमिकों और जनसामान्य को चेतावनी देती है कि चीतों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवासों की संरक्षण के लिए और अधिक उच्चतम स्तर की जांच और विज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है। इसके अलावा, संबंधित अधिकारियों को पारदर्शी और विज्ञानिक निष्ठा के साथ निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि संरक्षण के मामले में सही कदम उठाए जा सकें। ये भी पढ़ें रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में आलिया भट्ट की रानी ने सिर्फ साड़ी ही क्यों पहनी? करण जौहर ने किया खुलासा