अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2023) हिंदू धर्म में एक शुभ अवसर है। यह हिंदुओं द्वारा बड़ी भक्ति के साथ मनाया जाता है। ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा का कृष्ण पक्ष) के ग्यारहवें दिन को अपरा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। संस्कृत शब्द ‘अपर’ का अर्थ है ‘असीम’।
हिंदू चंद्र कैलेंडर को चंद्रमा के दो अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया है। एक चरण ‘शुक्ल पक्ष’ (वैक्सिंग मून) है जिसमें चंद्रमा का आकार और चमक बढ़ जाती है। दूसरा ‘कृष्ण पक्ष’ (घटता हुआ चंद्रमा) है जब पूर्णिमा के बाद चंद्रमा की चमक और आकार कम हो जाता है। दोनों चरण 15-15 दिनों के हैं।
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एकादशी तिथि 14 मई 2023 को दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 15 मई 2023 को दोपहर 1 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी।
पारण का समय (व्रत तोड़ने का समय) 16 मई को सुबह 6:41 से 8:13 बजे के बीच है।
अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8:54 बजे से 10:36 बजे तक है।
पूजा विधि (Apara Ekadashi 2023)
इस दिन मुख्य देवता भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं, साफ कपड़े पहनते हैं, और घी का दीया जलाकर पूजा करते हैं और भगवान विष्णु को फूल चढ़ाते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
अपरा एकादशी पर उपवास एक आवश्यक अनुष्ठान है जहां भक्त भोजन या पीने के पानी से परहेज करते हैं। कहा जाता है कि जो इस दिन व्रत करता है वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है। कुछ लोग निर्जल व्रत रखते हैं तो कुछ लोग जिन्हें फल नहीं खाने और दूध पीने की सलाह दी जाती है।
अपरा एकादशी का व्रत रखने वाले भक्तों को एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद इसे तोड़ना चाहिए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि द्वादशी तिथि के भीतर व्रत (पारणा) तोड़ना चाहिए अन्यथा यह अपराध के समान है।