बेनकाब हुआ सारस के कथित दोस्त आरिफ का झूठ

Arif Saras Friendship
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Arif Saras Friendship: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में आरिफ और सारस की दोस्ती की खबर पिछले दिनों सिर्फ प्रदेश ही नहीं पूरे देश में सुर्खियां बनी और जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ के घर पहुंचे तो वीडियो खूब वायरल हुए और सोशल मीडिया नें आरिफ का सारस का मसीहा बना दिया। एक दिन बाद ही जब वन विभाग नें संज्ञान लेते हुए आरिफ को नोटिस दिया और सारस को वनक्षेत्र में ले जाया गया, तो उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नें योगी सरकार पर बदले के तहत कार्रवाई का जमकर आरोप लगाया और सोशल मीडिया के एक धड़े नें आरिफ पर वन विभाग की कार्रवाई को सीधे तौर पर नजायज करार दिया।

लोगों ने सरकार पर सीधा आरेाप लगाया कि धर्म विषेश के नाम पर ऐसी कार्रवाई की गई जिसे सम्मान देना चाहिये था उसे योगी सरकार में सजा दी गई। टीवी चैनलों से लेकर अखबार की हेडलाइन तक और फेसबुक से लेकर व्हाटसप तक आरिफ हीरो बन गये। जिसके बाद Jk24x7 न्यूज़ की टीम नें इस पूरे प्रकरण पर पड़ताल शुरू की तो आरिफ के आधे से ज्यादा दावे झूठे निकले। Jk24x7 न्यूज़ नें घायल सारस के असली बचाने वाले से लेकर इलाज करने वाले डाक्टर तक को ढूंढ़ निकाला।

ये है पूरा मामला – Arif Saras Friendship

दरअसल पूरा मामला शुरू होता है यूपी के अमेठी जिले के जामो ब्लाॅक में मड़का जोधनपुर गांव से, जहां के रहने वाले आरिफ का सारस के साथ दोस्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है जिसमें आरिफ बाइक पर तो सारस हवा में उड़ते हुए दिखाई देता है। वीडियो वायरल होते ही आरिफ रातों-रात सोशल मीडिया का स्टार बन जाता है। कुछ दिन बाद यूपी के सबसे बड़े विपक्षी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री व अखिलेश यादव भी आरिफ और सारस की जुगलबंदी का नजारा देखने मंडखा गांव पहुंच जाते हैं।

अखिलेश यादव जहां आरिफ की प्रशंसा करते हैं। वही सारस के सहारे सरकार पर तंज कसते हुए भी दिखाई देते हैं जिसके बाद नियमानुसार सारस और आरिफ के बीच में वन विभाग की एंट्री होती है। वन विभाग सारस को अपने साथ लेकर पहले रायबरेली के पंछी को बिहार ले जाता है फिर पंछी बिहार से सारस को लखनऊ भेजा जाता है। जिसके बाद लखनऊ से भी सारस को कानपुर भेज दिया जाता है। सारस को कानपुर चिड़ियाघर भेजे जाने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख केंद्र अमेठी का सारस और आरिफ बन जाते हैं।

सपा प्रमुख जहां आरिफ को लेकर कानपुर के चिड़ियाघर तक जाते हैं तो दूसरी तरफ कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हैं। अखिलेश यादव यहां तक कहते हुए दिखाई देते हैं कि मैं आरिफ के यहां गया था इसलिए सारस को आरिफ से दूर भेज दिया जाता है।

इस दौरान राजनीतिक गहमागहमी के बीच अमेठी वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आरिफ के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के उल्लंघन के तहत मुकदमा दर्ज कर नोटिस भेज तलब किया जाता है। आरिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरना और ज्यादा तेज किया साथ ही सारस के नाम पर आरिफ को प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया जिसके बाद हमारी टीम नें इस पूरे पकरण पर पड़ताल शुरू की।

Jk24x7 न्यूज़ की पड़ताल

आरिफ के गांव से कुछ दूर पर ही स्थित भीखीपुर और रामगढ़ी के लोग कुछ पुराने वीडियो और फोटो लेकर सामने आ गए और उन्होंने आरिफ के ऊपर गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा है कि सारस पहले उनके गांव में रहता था। इतना ही नहीं गांव वाले दावा करते हैं कि सारस घायल अवस्था में आरिफ को नहीं बल्कि रामगढ़ी के विनय सिंह को मिला था।

दर्जनों लोगों ने अपनी और अपने परिवार के साथ सारस की जुगलबंदी के फोटो और वीडियो भी दिखाए। इतना ही नहीं जामो क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत सदस्य जनप्रतिनिधि संग्राम सिंह का भी एक वीडियो सारस को दाना चुनाते हुए निकल कर सामने आता है। संग्राम सिंह से जब Jk24x7 न्यूज़ की बात होती है तब वह भी आरिफ के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए बताते हैं कि सारस रामगढ़ी में रहता था और दो साल पहले वो लोग ही उसे खिलाते थे।

हमारी टीम यहीं नहीं रुकी हमने इससे आगे का सच भी जानना चाहा और हम पहुंचे रामगढ़ी के विनय सिंह के घर और उनसे इस पूरे मामले पर सच्चाई जानने की कोशिश की। विनय सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने उसी सारस के साथ कुछ पुराने फोटो और वीडियो दिखाए। जिसमें सारस के चोटिल होने के बाद की फोटो भी थी। रामगढ़ी निवासी विनय सिंह के घर पर सारस के साथ उनके परिवार वालों की जुगलबंदी की कई वैसी ही तस्वीरें मिली जैसी आरिफ ने दिखाई थी। Jk24x7 न्यूज़ की टीम के साथ बातचीत में रामगढ़ी के विनय सिंह ने आरिफ पर साजिश के आरोप भी लगाए।

इसके बाद हमारी टीम ने आसपास के कई गांवों का दौरा किया तो हकीकत कुछ और ही थी। ये सारस कई वर्षों से आसपास के इलाके में रहता था और आरिफ की तरह उसकी दोस्ती कई लोगों से थी। भीखीपुर के उमेश बोरासी बताते हैं, जो हमारी फोटो है सारस के साथ की है। वह अगस्त 2021 की फोटो है हम खेत पर आए थे हमारे एक दोस्त ने फोटो खींची है।

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सारस का इलाज करवाने वाले विनय सिंह

सारस की जुगलबंदी हमारे साथ अकेले ही नहीं हमारे गांव के तमाम लोग हैं जिनके साथ उसकी दोस्ती थी। आरिफ ने फेमस होने के लिए सारे वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। हमारे गांव के लोगों ने ऐसा नहीं किया। हमारे गांव से आरिफ का घर 2 किलोमीटर होगा। आरिफ जो कह रहे हैं कि सारा समय घायल अवस्था में मिला था यह झूठ बोल रहा है।

देवेन्द्र नायक सारस का इलाज करने वाले डॉक्टर

इसके बाद Jk24x7 न्यूज़ की टीम ने घायल सारस का इलाज करने वाले डॉक्टर का पता लगाया। हमारे अमेठी संवाददाता कुलदीप सिंह से बातचीत में डॉक्टर ने भी आरिफ के दावों को झूठा बताया और कहा कि सारस विनय सिंह के यहां रहता था। किसी गाड़ी या अन्य तरीके से वह घायल हो गया था। यह लेकर आए थे, हमने इलाज किया। इलाज के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया। आज जो दावा कर रहे हैं इलाज करवाने का वह गलत है। हमारे इलाज के बाद वह पूरी तरह सही हो गया था।

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खड़े हुए सवाल

ऐसे में अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सारस को लेकर साजिश की गई। आखिर आरिफ को झूठ बोलने की जरुरत क्या थी? और आखिर अचानक अखिलेश यादव आरिफ के घर कैसे पहुँच गए ? और क्या निकाय चुनाव से पहले प्रदेश में सियासी साजिश रची गई ? जिससे कि वर्ग विशेष के लोगों को अखिलेश यादव के साथ जोड़ा जा सके ? इन सवालों पर समाजवादी पार्टी और आरिफ से जुड़े लोग कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना साफ़ है कि सारस को मोहरा बनाकर आरिफ ने शोहरत और लोकप्रियता हासिल कर ली तो अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले वर्ग विशेष का सच्चा हितैषी होने की मैसेज भी दे दिया।

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रिपोर्ट- कुलदीप सिंह, अमेठी