अर्थराइटिस एक गठिया रोग है, जिसमें शरीर के जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया की हड्डियों में परिवर्तन होता है। यह रोग ज्यादातर बड़े जोड़ों जैसे कि घुटने, कंधे, कलाई, बाजू आदि में होता है। आम तौर पर यह वृद्धि आयु में होने वाले रोग है, लेकिन कई बार युवा भी इससे पीड़ित हो सकते हैं।
बारिश के मौसम में अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों में अधिक दर्द होने का कारण है ह्यूमिडिटी और वातावरण के दबाव का बढ़ जाना। मौसम के बदलने से शरीर के मसल्स और जोड़ अधिक सूजन के कारण दर्दी होते हैं। बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी भी बढ़ जाती है, जिससे जोड़ों में दर्द का अनुभव होता है।
इसलिए, बारिश के मौसम में अर्थराइटिस के मरीजों को इन उपायों का पालन करने से लाभ हो सकता है:
- नियमित एक्सरसाइज करें: घर में ही योग या एक्सरसाइज करने से जोड़ों की मसल्स मजबूत होती हैं और दर्द कम होता है।
- वजन का ध्यान रखें: यदि आपका वजन अधिक है, तो उसे नियंत्रित करें, क्योंकि अधिक वजन जोड़ों को अधिक दबाव देता है।
- हॉट थेरेपी का उपयोग करें: हॉट थेरेपी से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है।
- वर्षा में भीगने से बचें: बारिश में भीगने से जोड़ों के दर्द में इजाफा हो सकता है, इसलिए यह सही नहीं होता।
- नशा करने से बचें: अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन प्रजनन हॉर्मोन पर काफी प्रभाव डालता है, इससे बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। नियमित रूप से शराब पीने से एग और स्पर्म की क्वालिटी कम हो सकती है।
- तनाव मुक्त रहें: अत्यधिक तनाव भी प्रजनन से जुड़ी विभिन्न समस्याओं जैसे स्पर्म काउंट में कमी या फिर एग की क्वालिटी का कम होना, हॉर्मोन्स में व्यवधान की समस्या पैदा कर सकता है। सही मानसिक सेहत और सेहतमंद संतुलन बनाए रखने के लिए, लोग ध्यान, योग और अपनी हॉबी में व्यस्त रहने जैसी गतिविधियां कर सकते हैं।
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