शेख हसीना के समर्थकों ने खोला मोहम्मद यूनुस के खिलाफ मोर्चा, 4 लोगों की मौत, सड़कों पर उतरे टैंक

बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गोपालगंज में हुए प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गई है और सड़कों पर टैंक उतार दिए गए हैं।

बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थकों ने अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बांग्लादेश के गोपालगंज में यूनुस समर्थक एनसीपी और शेख हसीना की आवामी लीग के छात्र संगठनों के बीच झड़प हुई है। इन प्रदर्शन और झड़पों के दौरान 4 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 9 लोग घायल हैं। गोपालगंज में यूनुस सरकार ने टैंक सड़कों पर उतार दिये। फिलहाल इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पैरामिलिट्री के जवान जगह जगह तैनात हैं। मोहम्मद यूनुस ने इस हिंसक झड़प के लिए आवामी लीग की निंदा की है और कहा है कि हिंसा करने वालों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाएगा। दूसरी तरफ शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाया है कि उसके कार्यकर्ताओं पर हमले किये जा रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?
बांग्लादेश के गोपालगंज में झड़प शेख हसीना के समर्थकों नेशनल सिटिज़न्स पार्टी के छात्रों के बीच हुई है। जानकारी सामने आई है कि नेशनल सिटिजन्स पार्टी की रैली में शेख हसीना की पार्टी के समर्थकों ने हमला बोल दिया। हमले का आरोप आवामी लीग की स्टूडेंट यूनिट- बांग्लादेश छात्र लीग पर है। आवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने धावा बोल दिया। उसके बाद झड़प शुरू हो गई। शेख हसीना के समर्थकों ने मुहम्मद यूनुस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिये। पुलिस ने जवाब में फायरिंग की जिसमें अब तक 4 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है।

मृतकों की हुई पहचान
बांग्लादेश के गोपालगंज में हिंसा में मारे गए लोगों में से तीन की पहचान दीप्टो साहा (25 साल), रमजान काजी (18 साल) और सोहेल मोल्ला (41 साल) के रूप में हुई है। गोपालगंज के सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि जो 9 लोग घायल हैं उन सभी को गोली लगी है। फिलहाल गोपालगंज में कर्फ्यू लगा दिया गया है…बांग्लादेश गोपालगंज में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के 200 जवानों को तैनात किया गया है…पुलिस हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी कर रही है।

यहां समझें झड़प का कारण
शेख हसीना को हटाने में जिस गुट का हाथ था उसने अब NCP नाम से राजनीतिक पार्टी बना ली है। यूनुस सरकार में सलाहकार रह चुके नाहिद इस्लाम ने 28 फरवरी 2025 को NCP का गठन किया। NCP को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस का समर्थन मिला हुआ है। NCP पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन की मुहिम चला रही है। गोपालगंज में बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का पैतृक घर है। गोपालगंज में ही बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान का स्मारक भी है। NCP के छात्रों ने रैली के दौरान शेख मुजीबुर्रहमान के खिलाफ नारेबाज़ी की। नारेबाज़ी के बाद हसीना के समर्थकों के साथ झड़प शुरू हो गई। देखते ही देखते बवाल बढ़ गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पहले फायरिंग की। फिर भी हालात नहीं संभले तो टैंक उतार दिए गए। शेख हसीना के समर्थकों को गिरफ्तार किया जाने लगा। आपको बता दें कि NCP की मांग है। कि शेख हसीना की पार्टी को बांग्लादेश में कोई जगह नहीं दी जानी चाहिए।

मोहम्मद यूनुस क्या बोले?

इस झड़प को लेकर अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है। उन्होंने कहा- “युवाओं को उनके क्रांतिकारी आंदोलन की एक साल की सालगिरह मनाने के लिए शांतिपूर्ण रैली करने से रोकना उनके मौलिक अधिकारों का शर्मनाक उल्लंघन है। अपराधियों की जल्द से जल्द पहचान की जानी चाहिए और उन्हें पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। बांग्लादेश के किसी भी नागरिक के खिलाफ इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। हम उन छात्रों के साहस की सराहना करते हैं जिन्होंने इन दुर्भावनापूर्ण धमकियों के बावजूद अपनी रैली जारी रखी।” हालांकि, जिस NCP की रैली में हमले का दावा मोहम्मद यूनुस की सरकार कर रही है उसका कोई वीडियो अभी तक सामने नहीं आया है…बांग्लादेश की मीडिया में इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ये पूरी हिंसा हसीना समर्थकों को टारगेट करके की गई है?