BANGLADESH: संयुक्त राष्ट्र ने डिजिटल सुरक्षा अधिनियम को तत्काल निलंबित करने का किया आग्रह

BANGLADESH
UN ने डिजिटल सुरक्षा अधिनियम को निलंबित का आग्रह
BANGLADESH, 01 अप्रैल (वार्ता)- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने शनिवार को बंगलादेश से डिजिटल सुरक्षा अधिनियम को तुरंत निलंबित करने का आह्वान किया। तुर्क ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “मुझे चिंता है कि पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों को गिरफ्तार करने, परेशान करने और धमकाने के लिए बंगलादेश में डिजिटल सुरक्षा अधिनियम का इस्तेमाल किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “ मैं अधिकारियों से इसके इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून की आवश्यकताओं के अनुरूप लाने के लिए इसके प्रावधानों में व्यापक सुधार करने का आह्वान करता हूं। मेरे कार्यालय ने इस तरह के संशोधन में सहायता के लिए पहले ही विस्तृत तकनीकी टिप्पणियां प्रदान कर दी हैं।”

BANGLADESH: संयुक्त राष्ट्र ने डिजिटल सुरक्षा अधिनियम को तत्काल निलंबित करने का किया आग्रह

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार एजेंसी ने कहा कि एक अक्टूबर 2018 को लागू होने के बाद डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत दो हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 29 मार्च को देश के सबसे बड़े दैनिक समाचार पत्र प्रोथोम एलो के लिए काम करने वाले पत्रकार शम्स ज़मन का मामला सबसे ताजा है। प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पत्रकार के घर की तलाशी के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया और उनका लैपटॉप, फोन और अन्य उपकरण जब्त कर लिए गए और उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। विज्ञप्ति में आगे कहा गया , “प्रोथोम एलो के संपादक मतिउर रहमान और एक फोटोग्राफर के खिलाफ दूसरा मामला दर्ज किया गया है। यह मामला बंगलादेश में रहने की लागत के संकट की उनकी रिपोर्टिंग पर आधारित है।”
तुर्क ने कहा, “मेरे कार्यालय ने डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के अत्यधिक व्यापक और खराब परिभाषित प्रावधानों के बारे में लगातार चिंता जताई है।” संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि सरकार ने वादा किया है कि कानून के मनमाने ढंग से इस्तेमाल या अत्यधिक पालना के खिलाफ सुरक्षा होगी लेकिन गिरफ्तारी जारी रहने के कारण यह पर्याप्त नहीं है। उच्चायुक्त ने डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत लाए गए सभी लंबित मामलों की समीक्षा करने के लिए एक स्वतंत्र न्यायिक पैनल बनाने का आह्वान किया, ताकि अभियुक्तों को रिहा किया जा सके।