मुंबई 26 मार्च (वार्ता) विदेशी बाजारों के कमजोर रुझान से बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत की गिरावट में रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह अमेरिकी बैंकिंग संकट, फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर के आक्रामक रुख समाप्त करने के संकेत, कच्चा तेल, डॉलर इंडेक्स और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का असर रहेगा। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 462.8 अंक अर्थात 0.8 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 57527.10 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 155 अंक यानी 0.91 अंक लुढ़ककर 16945.05 अंक पर रहा। समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी गिरावट का रुख रहा। सप्ताहांत पर मिडकैप 478.45 अंक टूटकर 23633.56 अंक और स्मॉलकैप 400.74 अंक उतरकर 26767 अंक पर आ गया। विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में एक बार फिर 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी लेकिन बैंकिंग संकट का हवाला देते हुए निकट भविष्य में नीतिगत दरों के आक्रामक रुख पर लगाम लगाने का भी संकेत दिया है। अगले सप्ताह इसका असर घरेलू बाजार पर देखा जा सकता है। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं एफआईआई के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई ने पिछले लगातार तीन महीने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में बाजार से निवेश निकाल लिए। लेकिन, मार्च में अबतक वह 246.04 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे हैं। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का शुद्ध निवेश 25,592.99 करोड़ रुपये रहा।