Banking system, नयी दिल्ली 07 मार्च (वार्ता) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज निजी क्षेत्र से सरकार की तरह की निवेश बढ़ाने की अपील करते हुये कहा कि आज भारत के पास दुनिया का एक मजबूत वित्तीय तंत्र है क्योंकि जो बैंकिंग व्यवस्था आठ दस साल पहले डूबने के कगार पर थी अब वह लाभ में आ गयी है। मोदी ने अगले वित्त वर्ष के आम बजट में किये गये प्रावधानाें पर वित्तीय क्षेत्र के बेवीनार को संबोधित करते हुये कहा कि आज का नया भारत, अब नए सामर्थ्य से आगे बढ़ रहा हैबैंक। ऐसे में भारत के वित्तीय वर्ल्ड के सभी लोगों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। आज भारत के पास दुनिया का एक मजबूत फाइनेंसियल सिस्टम है। जो बैंकिंग व्यवस्था 8-10 साल पहले डूबने की कगार पर थी, वो अब लाभ में आ गई है।
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आज एक ऐसी सरकार है जो लगातार साहसपूर्ण निर्णय कर रही है, नीतिगत निर्णयों में बहुत ही स्पष्टता और विश्वास है। इसलिए अब आपको भी आगे बढ़कर के काम करना ही चाहिए, तेजी से काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज समय की मांग है कि भारत के बैंकिंग सिस्टम में आई मजबूती का लाभ ज्यादा से ज्यादा आखिरी छोर तक जमीन तक पहुंचे। एमएसएमई को सपोर्ट किया गया है। भारत के बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा सेक्टरों को मदद करनी चाहिए। महामारी के दौरान 1 करोड़ 20 लाख एमएसएमई को सरकार से बहुत बड़ी मदद मिली है। इस वर्ष के बजट में एमएसएमई सेक्टर को 2 लाख करोड़ का एडिशनल कोलेटरल फ्री गारंटीड क्रेडिट भी मिला है। अब ये बहुत जरूरी है कि बैंक उन तक पहुंच बनाएं और उन्हें पर्याप्त फाइनेंस उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन से जुड़ी सरकार की नीतियों ने करोड़ों लोगों को फॉर्मल फाइनेंशियल सिस्टम का हिस्सा बना दिया है। बिना बैंक गारंटी, 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का मुद्रा लोन सरकार ने ये बहुत बड़ा काम नौजवानों के सपने पूरे करने में सार्थक काम किया है, मदद की है। पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से 40 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों, छोटे दुकानदारों को, पहली बार बैंकों से मदद मिलनी संभव हुई है।
सभ्पी हितधारकों को उधारी की लागत कम करने, ऋण मिलने में कम समय लगने और छोटे उद्यमियों तक तेजी से पहुंचाने के लिए भी प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने की जरूरत है। उसमें टेक्नालॉजी भी बहुत मदद कर सकती है। तभी भारत के बढ़ते बैंकिंग सामर्थ्य का ज्यादा से ज्यादा लाभ, भारत के गरीबों को होगा, उन लोगों को होगा जो स्वरोजगार करके अपनी गरीबी दूर करने का तेजी से प्रयास कर रहे हैं।
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