भारत मंडपम: G20 सम्मेलन का संस्कृति और विरासत का संगम

G-20 सम्मेलन का समापन हो गया और इस अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान भारत मंडपम ने दुनिया के विदेशी मेहमानों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और उपलब्धियों का अद्वितीय अनुभव प्रदान किया। भारत मंडपम का विशेष महत्व इसलिए था क्योंकि यहाँ विभिन्न देशों की संस्कृतियों का संगम हुआ, जैसे कि विरासत की यादगार झांकी।

इस संस्कृति गलियारे में G20 के सदस्यों और आमंत्रित देशों की साझा विरासत का अद्वितीय माध्यम बना। यहाँ पर इन देशों की आधुनिक और सांस्कृतिक महत्व की वस्तुएँ प्रदर्शित हुईं, जो विभिन्न समृद्धियों, इतिहासों, और मॉडर्न उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

भारत का G20 मंडपम एक ऐसे संस्कृति गलियारे के रूप में सजा था, जो लोगों को एक-दूसरे की संस्कृति के प्रति और उनके इतिहास, विरासत, और आधुनिक उपलब्धियों के प्रति सम्मान और समझ में बढ़ावा देने का मिशन लेकर आगा बढ़ा रहा है।

इस महत्वपूर्ण परियोजना के अंतर्गत, भारत ने अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों के साथ-साथ प्राचीन भारतीय साहित्य की एक अद्वितीय धरोहर को प्रमोट किया। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अष्टाध्यायी नामक प्राचीन व्याकरण ग्रंथ ने।

अष्टाध्यायी, जिसे पाणिनि ने 5वीं-6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में रचा था, एक महत्वपूर्ण व्याकरण ग्रंथ है जो व्याकरण को ट्यूरिंग मशीन के साथ तुलना करता है, जो एक गणितीय मॉडल के रूप में महत्वपूर्ण है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से, आज के कंप्यूटर जगत में अष्टाध्यायी की महत्वपूर्ण भूमिका को समझाया गया है, और यह दिखाया गया कि भारतीय गणितीय योजनाएँ कितनी महत्वपूर्ण हैं।

ये भी पढ़ें ‘देश की भलाई के लिए सब स्पॉइलर माफ’: जवान में वायरल वोटिंग सीन पर शाहरुख खान की प्रतिक्रिया