भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के निर्माण में तीन पाया ध्वस्त होने के बाद, घटना के दोनों पक्षों में गतिशीलता बढ़ गई है। बिहार सरकार ने इस खबर के बाद पुल निर्माण कंपनी को ब्लैक लिस्ट में शामिल करने का निर्णय लिया है। कंपनी को 15 दिन का नोटिस दिया जा रहा है और उसकी बैंक गारंटी जब्त की जाएगी। साथ ही, निर्माण में हुए खर्च को भी वसूला जाएगा।
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को किया निलंबित
पथ निर्माण विभाग द्वारा खगाड़िया डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, पुल निर्माण कंपनी के एमडी को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया गया है। पथ निर्माण विभाग के अनुसार, कंपनी को काम रोकने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन फिर भी काम जारी रहा। आज, आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की टीम अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिससे खुलासा होगा कि क्या पुल के डिजाइन में खामी थी या अन्य कोई वजह थी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा था कि दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि पहले भी ऐसी घटना हुई है और जब पहली बार स्ट्रक्चर गिरा था, तो भी सरकार ने सवाल पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ। नीतीश कुमार ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह निर्माण कार्य सही ढंग से नहीं हो रहा है, इसलिए पुल गिर रहा है।
इस खबर के अनुसार, भागलपुर में रविवार को पुल के 10, 11 और 12 नंबर पाया गिर गया था। यह कंपनी बिहार में कई पुलों का निर्माण कर रही है और भागलपुर में भी इसी कंपनी को पुल का निर्माण करना था। इस घटना के बाद से कंपनी के कर्मचारियों और मैनेजरों का पता नहीं चला है। कहा जा रहा है कि सभी लोग इस घटना की संभावना से बचने के लिए पहले ही गए थे।
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