नई दिल्ली: बिहार में जातीय सर्वे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने एक बार फिर रुकावट आई है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई का निर्णय लिया है। मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और कोर्ट ने सर्वे के आंकड़े जारी करने पर कोई रोक नहीं लगाई थी। कोर्ट का कहना था कि वह रोक का आदेश विस्तृत सुनवाई के बाद ही देगा।
दरअसल, इस मामले की सुनवाई आज (03 अक्टूबर) होनी थी और याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने जातीय सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं। अब कोर्ट शुक्रवार (06 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करेगा।
बिहार की कास्ट सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में ओबीसी 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 प्रतिशत है। रिपोर्ट में इसके अलावा भूमिहार, कुर्मी, ब्राह्मण, राजपूत, मुसहर, यादव, और अन्य जातियों की आबादी के आंकड़े भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में हिंदू आबादी 81.99 प्रतिशत है, मुसलमानों की 17.70 प्रतिशत, ईसाई 0.05 प्रतिशत, सिख 0.011 प्रतिशत, जैन 0.0096 प्रतिशत, बौद्ध 0.0851 प्रतिशत, और अन्य धर्मों के प्रतिशत 0.1274 हैं।
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