Bihar don Anand Mohan: गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन बिहार की जेल से रिहा हो गए हैं। उन्हें यह खबर तब मिली जब वह सोमवार को पटना में अपने बेटे की सगाई समारोह में शामिल होने जा रहे थे। नीतीश कुमार सरकार ने 10 अप्रैल को उनकी रिहाई की सुविधा के लिए जेल नियमों में बदलाव किया।
आनंद मोहन अपने बेटे की सगाई के सिलसिले में तीसरी बार पैरोल पर जेल से बाहर आया था।
30 साल पुराने हत्या का मामला – Bihar don Anand Mohan
समारोह के दौरान आनंद मोहन को बताया गया कि वह करीब 30 साल पुराने हत्या के मामले में जेल से छूटा है। 1994 में आनंद मोहन ने गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की लिंचिंग में भीड़ का नेतृत्व किया था।
आनंद मोहन के बेटे की सगाई समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनके डिप्टी तेजस्वी यादव और JDU प्रमुख ललन सिंह सहित शीर्ष राजनीतिक नेता और मंत्री मौजूद थे।
उनके बड़े बेटे चेतन आनंद ने अपनी मंगेतर आयुषी के साथ सगाई की। सगाई पटना के एक फार्महाउस में हुई थी।
नियम 481 में बदलाव
आनंद मोहन की रिहाई के बाद नीतीश कुमार सरकार ने 10 अप्रैल को जेल नियमावली, 2012 में बदलाव किया था, जिससे मोहन की रिहाई की सुविधा के लिए नियम 481 में बदलाव किया गया था। उन्हें हत्या के मामले में 2007 में मृत्युदंड दिया गया था और 2008 में पटना उच्च न्यायालय ने उनकी मौत की सजा को कम कर दिया था।
बिहार सरकार की आधिकारिक अधिसूचना ने 26 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्होंने 14 से 20 साल के बीच जेल में सेवा की थी।