रवि श्रीवास्तव
देश में पहले से ही कोरोना मार झेल रहे कारोबारियों को एक और बड़ा झटका लगा है.. पहले कोरोना और अब बर्ड फ्लू की वजह से देश के अलग-अलग कोने में बड़े-बड़े कारोबार प्रभावित होने लगे हैं लेकिन बर्ड फ्लू का सबसे ज्यादा असर मुर्गे और मुर्गियों का व्यापार करने वाले कारोबारी पर पड़ा है । नुकसान का अंदाजा कितना है इसे ऐसे समझें कि केवल उत्तर प्रदेश के कानपुर में ही रोजाना दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान पोल्ट्री फार्म संचालकों को उठाना पड़ रहा है
ऐसा क्यों हुआ है ?
बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए देश के लगभग 7 राज्यों में हाई अलर्ट जारी है इसके मद्देनजर अब सभी सीएम अपने राज्यों में और सभी डीएम अपने जिलों में चौकन्ने और मुस्तैद हो गए हैं इसी कड़ी में कानपुर जिला प्रशासन ने भी जिला प्रशासन से अगले आदेश तक पोल्ट्री फार्मों से किसी भी प्रकार की बिक्री पर रोक से कारोबारियों को प्रतिदिन दो करोड़ का नुकसान होगा।
11 से 4 लाख पर आ गया मुर्गी-मुर्गे तैयार होने का आंकड़ा
कोरोना के पहले शहर में रोजाना 11 लाख मुर्गी-मुर्गे तैयार होते थे। कोरोना के दौर में खपत कम हुई तो यह संख्या घटकर 8-9 लाख रह गई। वर्तमान में करीब चार लाख मुर्गे या मुर्गी रोज तैयार किए जा रहे हैं। अब इसमें और गिरावट आ सकती है।कानपुर नगर में 500 से अधिक पोल्ट्री फार्म हैं। यहां से प्रतिदिन 50 हजार मुर्गी, 20 लाख अंडों की बिक्री होती है। 90 प्रतिशत खपत केवल शहर में है। शेष 10 फीसदी माल चंडीगढ़, हिमाचल आदि जगहों पर भेजा जाता है।
होटल कारोबार पर पड़ेगा असर
बर्ड फ्लू का खतरा किस कदर फैल गया है इसे ऐसे भी समझिए कि प्रशासन ने अब होटलों के लिए भी गाइडलाइन जारी कर दी है जिसके मुताबिक अब होटल में चिकन या अंडे से जुड़े आइटम नहीं बेंचे जा सकेंगे ऐसा इसलिए हुआ है ताकि किसी भी तरीके से बर्ड फ्लू पर कंट्रोल किया जाए। यहां तक की मुस्लिम बहुल इलाकों के अलावा जिन होटलों में भी नॉनवेज बिकता है, वहां पर पुलिस ने जाकर निर्देश दिए कि वे चिकन व अंडे से जुड़ी डिश न बनाएं और न बेचें। इसके लिए संबंधित थाना और चौकी से पुलिस टीम ने रेस्टोरेंट संचालकों से संपर्क किया है।
बर्ड फ्लू से बचना है तो ध्यान दें
बरसों से बचने का एकमात्र तरीका यह है कि आप जितना हो सके पक्षियों और मांसाहारी भोजन से दूरी बना है इसके अलावा यदि आप नॉन वेज खा रहे हैं तो ध्यान रखें की चिकन या अंडा अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं। पानी में उबाला गया चिकर या अंडा 100 डिग्री सेंटीग्रेट पर रहता है। तेल का तापमान 130 डिग्री सेंटीग्रेट होता है। गाइड लाइन के मुताबिक 35 डिग्री तापमान पर उत्पाद को पकाना बताया गया है। ऐसे में उत्पाद पूरी तरह सुरक्षित हैं।