बता देंं कि पीडीपी ने गुरुवार को भाजपा पर अपने चहेतों में जम्मू कश्मीर के संसाधनों को बांटने और संसद में अपने पूर्ण बहुमत का दुरुपयोग कर जम्मू कश्मीर के लोगों को राजनीतिक-सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर बनाने वाले कानून पारित करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही पीडीपी ने अपने मासिक न्यूज लेटर स्पीक अप के ताजा संस्करण में कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पूरा कश्मीर दुखी है।
भारत में शामिल जम्मू कश्मीर के लिए क्या किया है
पीडीपी ने कहा कि कश्मीर ने सिर्फ भारत के साथ विलय सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरु के कारण ही किया है। नई दिल्ली में बैठे गृहमंत्री अमित शाह गुलाम जम्मू कश्मीर पर अफसोस जताते हैं कि वह हमारे पास नहीं रहा, लेकिन भाजपा को अपने आप से यह जरूर पूछना चाहिए कि उसने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद भारत में शामिल जम्मू कश्मीर के लिए क्या किया है? इतिहास को अगर सरसरी तौर पर भी पढ़ेंगे तो पता चल जाएगा कि सिर्फ जवाहर लाल नेहरु के प्रयासों से ही जम्मू कश्मीर का भारत में विलय हुआ है।
इसके साथ ही पीडीपी ने लीथियम के खनन को लेकर भी केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। कहा कि लीथियम के खनन से जम्मू कश्मीर की जनता को कोई आर्थिक लाभ नहीं होने वाला, लेकिन यहां का पर्यावरण ओर पारिस्थितिक संतुलन इससे नष्ट होगा। देश की कई कंपनियां इस समय जम्मू कश्मीर में लीथियम की खदानों का ठेका प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं जो एक तरह से स्थानीय लोगों और वातावरण के लिए एक बड़ी मुसीबत बनने जा रहा है।
जानकारी के अनुसार उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को जम्मू कश्मीर की जनता ने स्वीकार किया है। आतंकियों और अलगाववादियों का पारिस्थितिक तंत्र लगभग नष्ट हो चुका है। आतंकी और अलगाववादी अब प्रधानमंत्री के साथ बैठक नहीं, बल्कि एनआइए और पुलिस के एक छोटे अधिकारी के सामने भी जमीन पर बैठते हैं। उनके कहने का मतलब है जम्मू कश्मीर में आतंकी आज जमीन पर नतमस्तक हैं।
दिल्ली में एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि पहले जम्मू कश्मीर में आतंकियों के मारे जाने पर भीड़ जमा हो जाती थी। अब ऐसा नहीं होता। पहले आतंकियों का महिमामंडन किया जाता था, इसे खत्म किया गया है।