दिल्ली की एक अदालत ने व्यापारी दिनेश अरोड़ा को एक धनशोधन के मामले में जमानत दे दी है। उन्हें कथित दिल्ली आबकारी घोटाले में भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी गवाह घोषित किया गया था। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है। संबंधित मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। जिसमें दिनेश अरोड़ा के साथ जुड़े धनशोधन के मामले का समर्थन करते हुए उन्हें जमानत दी गई है।
सीबीआई ने पहले अरोड़ा को 16 नवंबर 2022 को सरकारी गवाह घोषित किया था, लेकिन उन्हें छह जुलाई को एक दूसरे मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। अरोड़ा आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कथित रूप से करीबी सहयोगी हैं।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने अरोड़ा को उनके वकील तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का पक्ष सुनने के बाद जमानत दी। भाजपा नेता सीपी जोशी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य भाजपा नेताओं ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। हालांकि पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को रोक लिया और पानी की बौछारों का उपयोग किया था।
सिसोदिया भी आबकारी नीति मामले में आरोपी है और उन्हें भी ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। आप ने इस मामले की जांच को खंडन किया है। आबकारी नीति तब खारिज कर दी गई थी जब उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। उसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये भी पढें ‘नूंह हिंसा बड़ी साजिश का हिस्सा’, पांच की मौत और 70 की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा