BY- ELECTION, 30 मार्च (वार्ता)- पंजाब के जालंधर में 10 मई को होने जा रहे लोकसभा उपचुनाव में मॉडल-3 ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का प्रयोग किया जाएगा जिसके लिए जिले में कुल 1972 मतदान केन्द्रों की स्थापना की गई है। जिला चुनाव अधिकारी जसप्रीत सिंह ने गुरुवार को बताया कि चुनाव आयोग ने जालंधर (SC) संसदीय क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर उपचुनाव में मॉडल-3 ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध कराए गए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की मदद से मतदान सुचारू रूप से संपन्न हो।
ईवीएम के पहले रेंडमाइजेशन के बाद सीईओ, पंजाब से प्राप्त होने वाले कार्यक्रम के अनुसार मतदान केंद्रों की आवश्यकता के अनुसार ईवीएम को सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को भेजा जाएगा। जिला चुनाव अधिकारी ने बताया कि लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 13 अप्रैल से शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि नामांकन करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल है और 21 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच के बाद उम्मीदवार 24 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। मतदान 10 मई को होगा और 13 मई को मतगणना की जाएगी। चुनाव अधिकारी ने बताया कि पांच जनवरी 2023 तक कुल 2386832 जनसंख्या वाले जालंधर में मतदातों की संख्या 1626337 है, जिनमें 847367 पुरूष, 778926 महिला और 44 अन्य शामिल हैं।
BY- ELECTION: EVM,वीवीपैट से होगा लोकसभा उपचुनाव,नामांकन प्रक्रिया 13 अप्रैल से शुरू
उन्होंने बताया कि जिलो में सर्विस इलेक्ट्रों की संख्या 1852, एनआरआई 73, पीडब्लयुडी 10526, 80 वर्ष से अधिक आयु के 32668 और सौ वर्ष से अधिक आयु के 444 मतदाता हैं। इसके अलावा 18 से 19 वर्ष के 23649 मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि जिले के सभी 1972 मतदान केन्द्रों की वेवकॉस्टिंग की जाएगी। मॉडल मतदान केन्द्र की संख्या 44 है।
जालंधर की सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों में एक एक महिला मतदान केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा एक पीडव्लयुडी मतदान केन्द्र जालंधर के पिंगलवाड़ा में स्थापित किया जाएगा जिनका सारा प्रबंधन पीडव्लयुडी अधिकारी ही करेंगे। सिंह ने बताया कि कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जनवरी 2022 को जारी आदेश अनुसार चुनाव में उम्मीदवार केवल 95 लाख रूपये ही खर्च कर पाएंगे।
उन्होंने बताया कि चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने मॉनिटरिंग कमेटियों का गठन किया है। जिला चुनाव अधिकारी ने कहा कि देश भर में कोविड की स्थिति में समग्र सुधार के मद्देनजर और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डीएम अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक उपाय को वापस लेने के मद्देनजर, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी की गई सलाह का पालन करने का निर्णय लिया गया है।
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