CAA: चार साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लिए एक अधिसूचना जारी की। यह 2024 के लोकसभा चुनाव के कुछ हफ्ते पहले ही लागू की गई है। विपक्षी राजनेताओं के विरोध के बीच दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी।
सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 से पहले धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए थे उन्हें केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दे सकती है। हालांकि, CAA के लागू होने के बाद से सियासी बवाल शुरू हो गया। विपक्षी लगातार इसको लेकर हमला बोल रहे है। कांग्रेस ने सीएए के लागू करने के समय पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा को सीएए नियम लाने में 4 साल और 3 महीने लग गए। यह एक हेडलाइन मैनेजमेंट है। उन्होंने इसे सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति बताई है। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए जयराम रमेश ने कहा ‘इस नियम को लाने में उन्हें 4 साल और 3 महीने लग गए। विधेयक दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। 3-6 महीने के अंदर कानून बन जाना चाहिए था।